योनि को साफ और स्वस्थ कैसे रखें

जानिये योनी को क्यों साफ रखना चाहिए और योनी की सफाई नहीं रखने क्या क्या दिक्कते हो सकती हैं। योनी को क्लीन करने के लिए किन किन चीजो का इस्तेमाल नहीं करना चाहिए और कौन कौन से प्रोडक्ट योनी की सफाई के लिए सही हैं?

योनि या स्त्री गुप्तांग, स्त्री के शरीर के अंदर मांसपेशी की एक ट्यूब होती है जो गर्भाशय ग्रीवा या सर्विक्स से योनि ता जाती है। बाह्य यौन अंग, जिन्हें वल्वा कहा जाता है, वह योनिमुख के आसपास होते हैं। योनि से होने वाले डिस्चार्ज से यह हमेशा साफ़ रहती है। संक्रमण के कारण इसमें बुरे बैक्टीरिया की संख्या बढ़ जाती है और इसके डिस्चार्ज में बदलाव आ जाता है।

यदि भोजन और व्यायाम ठीक प्रकार से हो, प्रजनन स्वास्थ्य भी ठीक रहता है। एक्सरसाइज़ करने से योनि के फंक्शन ठीक रहते हैं। चलने और दौड़ने से पेल्विक की मांसपेशियां टोन मजबूत होती हैं।

योनि स्राव Vaginal Discharge

योनि से स्पष्ट या सफेद स्राव (डिस्चार्ज) या म्यूकस और मासिक के दौरान ब्लीडिंग, सामान्य स्राव है जो योनि से होने चाहिए। यह म्यूकस प्राकृतिक रूप से सर्विक्स जिसे गर्भाशय ग्रीवा के रूप में जाना जाता, से उत्पन्न होता है।

योनि स्राव होना हमेशा एक बुरा संकेत नहीं है। स्पष्ट या सफेद निर्वहन की मात्रा या रंग में परिवर्तन मासिक धर्म चक्र, गर्भावस्था या रजोनिवृत्ति आदि हार्मोनल बदलाव से हो सकता है। पूरे महीने में स्त्री के शरीर में एस्ट्रोजन और प्रोजेस्टोजन की मात्रा बदलती रहती है। जब लड़कियों में पीरियड्स आने शुरू होते हैं तो योनि से लिकोरिया जैसे डिस्चार्ज हो सकते हैं जोकि पूरी तरह से नार्मल है।

पूरे महीने में योनि स्राव / वेजाइनल डिस्चार्ज थिक या थिन हो सकता है।

जब अंडाशय से अंडे (ओव्यूलेशन) नहीं निकला होता तो डिस्चार्ज सामान्यतः कम खिंचाव वाला होता है।

फर्टिलिटी जब सबसे ज्यादा होती है या ओव्यूलेशन होने के आस-पास, यह म्यूकस एग वाइट जैसा और अधिक इलास्टिक हो जाता है जिससे स्पर्म आसानी से आगे बढ़ सकें।

जो डिस्चार्ज सामान्य है उसमें कोई गंध नहीं होती। इसके कारण कोई जलन या खुजली नहीं होती।

इन्फेक्शन के कारण होने वाला डिस्चार्ज नार्मल डिस्चार्ज से भिन्न होता है। इसमें बदबू होती है और इसका रंग हरा–पीला या भूरा सा हो सकता है। जैसे यीस्ट इन्फेक्शन के दौरान होने वाला डिस्चार्ज चीज़ जैसा सफ़ेद और टुकड़ों में होता है और इससे व्लवा और योनि मुख पर खुजली होती रहती है।

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योनि में बैक्टीरिया

बैक्टीरिया होना हमेशा बुरा नहीं होता। बैक्टीरिया अच्छे भी हो सकते और बुरे भी। अच्छे बैक्टीरिया रोग फैलाने वाले बैक्टीरिया को नष्ट करते हैं। आँतों के बाद शरीर में कहीं और अधिक बैक्टीरिया पाए जाते हैं तो वह योनि है, लेकिन बैक्टीरिया यहाँ पर किसी कारण से होते हैं।

अच्छे बैक्टीरिया अन्य संभावित हानिकारक जीवाणुओं की संख्या को बढ़ने से रोकते है जो योनि के नमी युक्त वातावरण में बढ़ सकते हैं।

अच्छे बैक्टीरिया योनि में एसिड-बेस का संतुलन बनाए रखते हैं। लैक्टिक एसिड, जोकि अच्छे बैक्टीरिया बनाते हैं,एसिडिक होता है और इसका पी एच कम होता है जिससे यह योनि में संक्रमण करने वाले बैक्टीरिया और फंगस को नहीं बढ़ने देता।

इसके कारण ही योनि में पीएच 3.5 से 4.5 के करीब पाया जाता है। कम पीएच यानि एसिडिक मीडियम में बैक्टीरिया या फंगस की वृद्धि नहीं होती है। लेकिन मीडियम जैसे ही कम एसिडिक होता है, पैथोजेनिक बैक्टीरिया के बढ़ने के लिए उपयुक्त कंडीशन बन जाती है।

अच्छे बैक्टीरिया योनि में बुरे बैक्टीरिया को नष्ट करने के लिए टोक्सिंस बनाते हैं।

यह ऐसे पदार्थ भी बनाते हैं जिससे बैक्टीरिया योनि की दीवारों से न चिपकें।

यदि अच्छे बैक्टीरिया का संतुलन ठीक नहीं होता, तो योनि में संक्रमण और सूजन हो सकती है। यदि योनि का पीएच बढ़ जाता है – या यह कम अम्लीय होता है तो अन्य बैक्टीरिया बढ़ कर संक्रमण कर सकते हैं जैसेकि बैक्टीरियल वैजोनिसिसbacterial vaginosis or thrush, खुजली, जलन और असामान्य डिस्चार्ज आदि।

योनि की साफ़-सफाई

योनि को साफ़ करने के लिए सुगंधित साबुन, जेल और एंटीसेप्टिक्स आदि का प्रयोग नहीं करना चाहिए। यह योनि में बैक्टीरिया और पीएच स्तर के स्वस्थ संतुलन को प्रभावित कर सकते हैं और जलन पैदा कर सकते हैं।

योनि को साफ़ करने के लिए बिना गंध वाला माइल्ड साबुन इस्तेमाल करना चाहिए। साबुन को केवल बाहरी रूप से हल्का सा लगाना चाहिए और पानी से अच्छे सेरिंस करना चाहिए।

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योनि के लिए कुछ विशेष उत्पाद बाज़ार में उपलब्ध हैं। इन उत्पादों में से वेजाइनल वाश प्रयोग करना चाहिए जिसमें लैक्टोसीरम और लैक्टिक एसिड हो।

  1. धोने के लिए केवल साफ़ पानी का भी इस्तेमाल कर सकते हैं।
  2. योनि को अंदर से साफ़ नहीं करना चाहिए। अंदर से यह अपने आप साफ़ हो जाती है।
  3. योनि और गुदा के बीच के पेरिनेल क्षेत्र को साफ करना भी महत्वपूर्ण है। शौच के बाद पीछे से आगे की तरह पानी से धो लेना चाहिए।
  4. दिन में दो बार पैंटी ज़रूर बदलनी चाहिए। रात को सोते समय साफ़-सूखी पैंटी पहननी चाहिए।
  5. पैंटी कॉटन की होनी चाहिए।
  6. पैंटी रोज़ बदलनी चाहिए।
  7. साफ़ पैड का इस्तेमाल करना चाहिए।
  8. सेक्स के बाद पानी से योनि धो देनी चाहिए।

वेजिनल डूश Vaginal douches

कुछ महिलाएं योनि को साफ करने के लिए डूश करती हैं, लेकिन एक डूश का उपयोग सामान्य योनि बैक्टीरिया को नष्ट कर सकता है, इसलिए यह अनुशंसित नहीं है कि आप एक का उपयोग करें।

डूश washing or flushing the vagina with water or other fluids is called Vaginal douche के लिए योनि में पानी भरकर साफ़ करते हैं।

एसटीआई या योनि संक्रमण से डूश से बचाव हो सकता है इसका कोई प्रमाण नहीं है, और इससे जोखिम भी बढ़ सकता है।

सुगंधित वाईप्स और योनि डिओडोरेंट

ये सुगंधित उत्पादों योनि के स्वस्थ प्राकृतिक संतुलन को बाधित कर सकते हैं। योनि की एक अपनी गंध होना सामान्य है। यदि आप अपनी योनि की गंध के बारे में चिंतित हैं, तो गंध अप्रिय है, या आप अपनी योनि की गंध को कवर करने के लिए सुगंधित उत्पादों का उपयोग कर रहे हैं, तो पहले डॉक्टर को दिखा लें। यह एक संक्रमण के कारण हो सकता है जिसमें उपचार की आवश्यकता हो।

असामान्य योनि स्राव का सबसे आम कारण बैक्टीरियल vaginosis है, जो एक अप्रिय गंध पैदा कर सकता है। यह आसानी से एंटीबायोटिक दवाओं के साथ इलाज किया जाता है।

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योनि को ड्राई रखने के लिए पाउडर का प्रयोग भी नहीं किया जाना चाहिए।

सुरक्षित सेक्स

सेक्स के दौरान कुछ बैक्टीरिया और वायरस योनि में आ सकते हैं जैसे क्लैमाइडिया , गोनोरिया , जननांग दाद, जननांग वार्ट,सिफलिस और एचआईवी आदि। इन संक्रमणों से बचने के लिए कंडोम का प्रयोग कर सकते हैं।

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