सिफलिस उपदंश का उपचार और बचाव | Syphilis in Hindi

सिफलिस क्या है इसके लक्षण क्या क्या होते हैं और सिफलिस ट्रीटमेंट कैसे होता है ? सिफलिस को उपदंश भी कहते हैं जांनिये उपदंश के उपचार|इलाज कैसे करें। Syphilis symptoms and causes in men and women. Is syphilis curable?

सिफलिस एक बैक्टीरियल या जीवाणु संक्रमण है जो आम तौर पर संक्रमित व्यक्ति के साथ यौन संबंध रखने से होता है। Syphilis को हिंदी में उपदंश कहा जाता है। यह एक यौन रोग (एसटीडी) है। यह प्रजनन अंगों से होने वाला संक्रमण है और यदि इसका जल्दी इलाज नहीं कराया जाता तो यह जटिलताओं का कारण हो सकता है और गंभीर स्वास्थ्य समस्याओं में बदल सकता है।

सिफलिस के लक्षण हमेशा स्पष्ट नहीं होते हैं और बहुत समय तक कोई लक्षण भी नहीं हो सकते लेकिन जब तक इलाज़ नहीं कराया जाता, शरीर में उपदंश का संक्रमण बना रहता है।

  • रोग का प्रकार: यौन संक्रमण (एसटीआई)। यौन रूप से सक्रिय किशोरों और युवा वयस्कों में सबसे आम;
  • कारण: संक्रमित व्यक्ति से यौन संपर्क
  • रिस्क फैक्टर: यौन रूप से सक्रिय लोग
  • बचाव: इन्फेक्टेड व्यक्ति से सेक्स न करें
  • इलाज़: एंटीबायोटिक दवा
  • मुख्य लक्षण: शरीर पर घाव होना

Syphilis is a sexually transmitted disease (STD) that can have very serious complications when left untreated. It is curable diseases and can be treated with antibiotics.

Syphilis is divided into stages (primary, secondary, latent, and tertiary), with different signs and symptoms associated with each stage. A person with primary syphilis generally has a sore or sores at the original site of infection. There is a painless sore on the genitals, rectum or mouth. After the initial sore heals, the second stage is characterized by a rash. Then, there are no symptoms until the final stage which may occur years later. This final stage can result in damage to the brain, nerves, eyes or heart.

Syphilis is treated with penicillin. Sexual partners should also be treated.

सिफलिस कैसे होता है What causes Syphilis?

सिफलिस बैक्टीरिया के कारण होने वाला एक रोग है। यह बैक्टीरिया, कोशिकाओं पर हमला कर उसमें अपनी संख्या को बढ़ाता है। यह जीवित बैक्टीरिया योनि, गुदा अथवा ओरल सेक्स के दौरान स्वस्थ्य पार्टनर के प्रजनन अंगों, मलाशय और मुंह की श्लेष्मा झिल्ली को संक्रमित कर देते हैं। सिफलिस का संक्रमण योनि, गुदा या ओरल सेक्स के द्वारा संक्रमित व्यक्ति से स्वस्थ्य व्यक्ति में जा सकता है।

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सिफलिस (उपदंश) कब हो सकता है? How is Syphilis passed on?

किसी को भी, जो संक्रमित व्यक्ति के साथ योनि, गुदा या ओरल सेक्स करता है, को यह संक्रमण हो सकता है। यौन रूप से सक्रिय युवा लोगों में गोनोरिया अधिक देखा जाता है।

  1. असुरक्षित (कंडोम के बिना) योनि या गुदा सेक्स
  2. ओरल सेक्स बिना कंडोम के
  3. कंडोम या बांध (एक लेटेक्स या प्लास्टिक का वर्ग जो कि
  4. सेक्स टॉयज साझा करने से
  5. गर्भवती महिला से बच्चे

सिफलिस के लक्षण क्या हैं?

  1. छोटे, दर्द रहित घाव या अल्सर जो आमतौर पर लिंग, योनि या गुदा के आसपास दिखाई देते हैं, लेकिन मुंह जैसे अन्य स्थानों में हो सकते हैं।
  2. लाल दाने जो अक्सर हाथों के पैरों या पैरों के तलवों को प्रभावित करता है।
  3. स्किन ग्रोथ | जेनाइटल वार्ट, जो महिलाओं में वल्वा पर अथवा महिला-पुरुष में गुदा के आसपास विकसित हो सकती है।
  4. मुंह में सफेद पैच।
  5. थकान, सिरदर्द , जोड़ों में दर्द , बुखार, गर्दन, ग्रंथियों में सूजन

यदि उपदंश का इलाज़ नहीं किया जाए तो यह मस्तिष्क या शरीर के अन्य हिस्सों में फैल सकता है और गंभीर, दीर्घकालिक समस्या पैदा कर सकता है।

Primary Stage

सिफिलिस के पहले लक्षण आमतौर पर संक्रमण के दो या तीन सप्ताह के आसपास विकसित होते हैं। संक्रमण के इस चरण को “प्राथमिक सिफलिस” Primary Stage कहा जाता है

सिफलिस के पहले (प्राथमिक) चरण के दौरान, आप एक या कई घावों sores को देख सकते हैं। यह घाव अक्सर शरीर के उस हिस्से पर हो सकते है जहाँ से सिफिलिस का इन्फेक्शन शरीर में घुसता है। यह फोड़े जैसे घाव आमतौर पर (लेकिन हमेशा नहीं) फर्म, गोल, और दर्द रहित होते है। यह सोर आम तौर पर 3 से 6 सप्ताह तक रहता है।

बिना इलाज़ किये, सिफलिस का संक्रमण, Secondary Stage में चला जाता है।

Secondary Stage

उपदंश की माध्यमिक स्टेज secondary stage के दौरान, आपको त्वचा पर रैशेज़ और / या श्लेष्म झिल्ली वाले घाव हो सकते हैं। श्लेष्म झिल्ली के घाव मुँह, योनि, या गुदा में होते हैं। यह चरण आमतौर पर आपके शरीर के एक या एक से अधिक क्षेत्रों पर दाने के साथ शुरू होता है।

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रैशेज़ हाथों के हथेलियों और / या आपके पैरों के तलवों पर लाल, या लाल भूरे रंग के धब्बे की तरह दिख सकता है। दाने आम तौर पर खुजली नहीं करते। अन्य लक्षणों में बुखार, सूजी हुई लिम्फ ग्रंथियों, गले में खराश, बालों के झड़ने, सिरदर्द, वजन घटना, मांसपेशियों में दर्द और थकान आदि हो सकते हैं। सही उपचार के बिना, आपका संक्रमण सिफलिस के अव्यक्त और संभावित तृतीयक चरणों में चलेगा।

Latent Stage

लेटेन्ट स्टेज Latent Stage में सिफलिस के कोई लक्षण नहीं दिखाई देते। बिना इलाज़ के उपदंश संक्रमण सालों तक शरीर में रह सकता है।

Tertiary Stage

तृतीयक स्टेज Tertiary Stage, ज्यादातर मामलों में रोग इस स्टेज तक नहीं बढ़ता। लेकिन यदि ऐसा होता हैं तो रोगी के लिए यह बहुत अधिक खतरनाक हो सकता है। यह शरीर के मल्टीपल अंगों को प्रभावित कर सकता है। यह रोग होने के 10-30 साल बाद प्रकट हो सकता है और बहुत ही घातक है।

सिफलिस दिमाग और नर्वस सिस्टम तक भी फ़ैल सकती है। इस स्थिति में व्यक्ति को तेज सिरदर्द होता है, संतुलन में दिक्कत होती है, सुन्नता, पैरालिसिस, और भूलने की बीमारी हो सकती है।

उपदंश है कैसे पता चलेगा?

प्रयोगशाला परीक्षणों से सिफलिस होने का पता लग सकता है। ब्लड टेस्ट से सिफलिस का पता लग सकता है। कुछ जगहों पर सिफलिस के घाव से फ्लूइड का टेस्ट करके भी इसका पता लगाते हैं।

सिफलिस का टेस्ट कहाँ करा सकते है?

सिफलिस का टेस्ट रतिरोग विभाग, सेक्सुअल हेल्थ क्लिनिक अथवा प्रजनन सम्बन्धी क्लिनिक में जा कर करवा सकते हैं।

क्या सिफलिस पूरी तरह से ठीक की जा सकती है? क्या यह क्योरेबल है?

हाँ, उपदंश का इलाज़ मौजूद है। यह एक बैक्टीरियल रोग जय और एंटीबायोटिक की सहायता से यह ठीक किया जा सकता है।

सिफलिस का क्या इलाज है?

  1. सिफिलिस का उपचार करने के लिए एंटीबायोटिक का प्रयोग किया जाता है।
  2. नितंबों buttocks में एंटीबायोटिक का इंजेक्शन – अधिकांश लोगों को केवल एक खुराक की आवश्यकता होती है, लेकिन पुराने रोग में, तीन इंजेक्शन साप्ताहिक अंतराल पर दिए जाते हैं।
  3. यदि आप इंजेक्शन नहीं ले सकते तो एंटीबायोटिक दवाओं का कोर्स दो या चार सप्ताह तक दिया जाता है।
  4. उपदंश के उपचार के खत्म होने के कम से कम दो सप्ताह तक आपको किसी भी प्रकार की यौन गतिविधि या दूसरे व्यक्ति के साथ यौन संपर्क नहीं बनाना चाहिए।
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गर्भावस्था में सिफलिस हो तो क्या करें?

यदि आप गर्भवती हैं और आपको सिफलिस संक्रमण है तो यह बच्चे भी उपदंश से संक्रमित हो सकता है। सिफलिस से बच्चे का वजन कम हो सकता है। बच्चे का जन्म समय से बहुत पहले हो सका है। बच्चा स्टिलबोर्न भी हो सकता है।

नवजात बच्चा जो जन्मजात सिफलिस संक्रमित है, उसमें शुरू में कोई लक्षण नहीं हो सकते हैं लेकिन कुछ समय बाद बच्चे में कैटरेक्ट, बहरापन, या दौरे पड़ सकते हैं।

यदि संक्रमण हो तो इसे बच्चा करने से पहले इसका ट्रीटमेंट करा लें। यदि बच्चा ठहर गया है तो इलाज़ कराएं।

क्या सिफलिस का संक्रमण दुबारा हो सकता है?

हाँ, एक बार इलाज़ करवा लेने के बाद, यदि फिर से इन्फेक्टेड पार्टनर के साथ सेक्स किया जाए तो उपदंश रोग दुबारा हो सकता है।

सिफलिस से  बचने का क्या उपाय है?

How can I protect myself from Syphilis and other sexually transmitted infections?

  1. संक्रमित व्यक्ति के साथ योनि, गुदा, या ओरल सेक्स नहीं करना ही एसटीडी से बचने का एकमात्र तरीका है।
  2. यदि आप यौन सक्रिय हैं, तो आप गोनोरिया न हो, इसके लिए निम्नलिखित बातों को कर सकते हैं:
  3. monogamous रिश्ते में रहें।
  4. हर यौन संबंध के दौरान लेटेक्स कंडोम का प्रयोग करें।

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