पीरियड्स Menstruation, or period, लड़कियों में 10 की उम्र के बाद शुरू होने वाली स्थिति है जिसमें हर महीने योनि से ब्लीडिंग होती है। यह ब्लीडिंग पूरी तरह से नार्मल है और इसके होने का मतलब है प्रजनन अंगों अब फंक्शनल हैं और शरीर में होर्मोंनल बदलाव आ गए हैं।
मासिक शुरू होने के बाद शरीर की लम्बाई बढ़ना कम हो जाता है या रुक जाता है और अन्य शरीरिक विकास जैसे स्तनों का विकास breast development, यौन अंगों पर बाल आना pubic hair, साइड्स में बाल आना आदि शुरू हो जाते हैं। हार्मोनल बदलाव से पिम्प्ल acne, pimples आने लगते हैं। मासिक आने के बाद से ही किसी भी बिना प्रोटेक्शन से किए गए शारीरिक सम्बन्ध से गर्भाधारण हो सकता है। पीरियड्स, रजोनिवृत्ति तक जारी रहते हैं और इसके बाद आना बंद हो जाते है।
जब पीरियड आने शुरू होते हैं menarche और जब इनका आना बंद होता है menopause, दोनों ही स्थिति में शरीर में बहुत से हार्मोनल बदलाव होते हैं और पीरियड अक्सर अनियमित हो जाते हैं।
कुछ लोगों को लगता है कि पीरियड के दौरान निकलने वाला रक्त गन्दा होता है। लेकिन यह सही नहीं है। यह रक्त क्योंकि गर्भाशय की लाइनिंग के टूटने से आता है इसलिए गहरे रंग का और क्लॉट वाला होता है। इसमें गंदगी नहीं है लेकिन यदि ठीक से साफ़ सफाई नहीं रखी जाए तो गंदगी ज़रूर हो सकती है।
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पीरियड के दौरान साफ़ सफाई बहुत ज़रूरी है। यदि ऐसा नहीं किया जाता तो बैक्टीरियल और फंगल रोगों का खतरा रहता है। मासिक धर्म के बारे में ज्यादातर महिलाओं की बहुत सीमित या कोई जानकारी नहीं होने से वे व्यक्तिगत स्वच्छता का अधिक ध्यान नहीं रखती। पर्याप्त स्वच्छता, संक्रमण से दूर रहने के साथ-साथ सामान्य जीवन के लिए भी आवश्यक है। ज्ञान के अभाव के कारण, कई महिलाएं अपने मासिक धर्म के गंदे कपड़े के पैड का उपयोग करती हैं जो असुरक्षित है।
बैक्टीरिया और कवक संक्रमणों को रोकने के लिए मासिक धर्म के दौरान रक्त को सोखने के लिए एक साफ पैड sanitary pad का इस्तेमाल महत्वपूर्ण है। पैसे के अभाव में बहुत सी महिलायें पीरियड के दौरान पारंपरिक कपड़े के नैपकिन का उपयोग करती हैं। यदि कपड़े को अच्छे से साफ़ किया गया है और धूप में सुखाया गया है है तो ऐसा करना ठीक है। लेकिन ज्यादातर मामलों में, ऐसा नहीं होता है। महिलायें से छुपा कर रखती हैं और ठीक से साफ़ नहीं करती, जिस कारण से उन्हें प्रजनन अंगों के रोगों का सामना करना पड़ता है।
किशोरावस्था और यौवन क्या है?
किशोरावस्था और यौवन, जीवन में बच्चे से बड़े होने के विकास का एक दौर है। इस अवस्था में बच्चे में होने वाले शारीरिक, मनोवैज्ञानिक और भावनात्मक परिवर्तन उसे समय के साथ वयस्क बनाते हैं। किशोर में वज़न, लम्बाई, हार्मोनल बदलाव होते हैं और इन्हीं के साथ प्रजनन अंगों के विकास से भविष्य में प्रजनन करने में सक्षम होते हैं। यह उनमे यौन परिपक्वता लाने वाला समय है।
मासिक धर्म चक्र क्या है?
मासिक धर्म को मासिक, पीरियड, माहवारी, ऋतुस्राव, ऍमसी, आदि नामों से जानते हैं। यह किसी लड़की में 9 साल से लेकर 16 साल तक शुरू हो सकता है। मासिक एक बार शुरू होने menarche पर सामान्यतः हर महीने आते हैं। ऐसा करीब 50 साल की उम्र तक रहता है। इसके बाद पीरियड्स बंद हो जाते हैं और मेनोपौज़ हो जाता है। मेनोपौज़ के बाद फिर से शरीर में होमोनल बदलाव आते हैं। पीरियड्स के रुकने का मतलब प्रजनन क्षमता का बंद होजाना है।
पीरियड्स कितने दिन आते हैं?
- पीरियड्स हर महीने आते हैं।
- सामान्य रूप से यह तीन से सात दिन चलते हैं। यह कितने दिन होते हैं, यह हर लड़की के लिए अलग हो सकता है।
- पीरियड्स को ब्लीडिंग होने के पहले दिन से अगले पीरियड के पहले दिन तक गिनते हैं।
- यह अक्सर 28 दिन के गैप पर आते हैं।
- कुछ में यह 21 दिन पर और कुछ में 45 दिन पर हो सकते हैं, जो पूरी तरह से नार्मल है।
- जब पीरियड शुरू होते हैं, तो यह अनियमित होते हैं और केवल कुछ महीने या साल में ही निश्चित अंतराल पर आते है।
पीरियड्स होते क्यों हैं?
सभी फीमेल्स ओवरी में अंडे / ओवा की निश्चित संख्या के साथ जन्म लेती हैं। अंडाशय में सैकड़ों अंडे होते हैं। हर महीने, प्रजनन हार्मोन एस्ट्रोजेन और प्रोजेस्टेरोन के कारण,गर्भाशय गर्भावस्था के लिए तैयार किया जाता है।
हर 21-40 दिन में एक अंडा अंडाशय द्वारा निकाला जाता है। यह ओवा फैलोपियन ट्यूबों के माध्यम से गर्भाशय तक पहुंचता है। गर्भाशय की अंदरूनी परत, एंडोमेट्रियम को तैयार किया जाता है जिससे यदि अंडा निषेचित हो जाए तो तुरंत गर्भाशय में इम्प्लांट होकर बढ़ने लगे।
यदि निषेचन नहीं होता है, तो गर्भाशय की इस लाइनिंग की कोई आवश्यकता नहीं है क्योंकि वहाँ पोषण और रक्षा करने के लिए कोई भ्रूण नहीं है। प्रोजेस्टेरोन का स्तर गिरने लगता है और गर्भाशय में कुशन वाले रक्त वाहिनियों की लाइनिंग टूट जाती है और योनि से मासिक धर्म के स्राव की तरह बाहर कर दी जाती है।
हर मासिक चक्र के दौरान एक महिला को कितना खून स्रावित होता है?
वैज्ञानिक अध्ययनों से पता चलता है कि औसतन, एक महिला में 30 से 9 0 मिलीलीटर तरल पदार्थ निकलता है जो माहवारी के 3-7 दिनों के दौरान रक्त और श्लेष्म ऊतक की तरह होता है।
पीएमएस क्या है?
पीएमएस या प्री मेंसट्रूअल सिंड्रोम, शारीरिक या भावनात्मक लक्षणों का एक संयोजन है जो मासिक के शुरू होने से पहले होते हैं। इसमें शामिल है अस्थायी वजन बढ़ना या भारीपन, स्तनों में दर्द, सिरदर्द, ऐंठन और चिड़चिड़ापन आदि।
पीरियड से सम्बंधित कुछ समस्याएं क्या हैं?
- अधिक रक्तस्राव Heavy periods (menorrhagia)
- पीरियड में दर्द Painful periods (dysmenorrhoea)
- पीरियड का आना अचानक बंद हो जाना Periods which stop (amenorrhoea)
- अनियमित माहवारी Irregular periods
मासिक धर्म के लिए सैनिटरी उत्पादों में काया विकल्प उपलब्ध हैं?
सेनेटरी नैपकिन – सबसे अधिक इस्तेमाल किया जाने वाला सैनिटरी उत्पाद डिस्पोजेबल ‘सेनेटरी नैपकिन’ है। अधिकांश नैपकिन में एक शोषक कोर और रिसाव-प्रूफ बाधा है जो नैपकिन को एक साथ रखती है
टैम्पोन – टैम्पोन, शोषक सामग्री का एक लघु सिलेंडर हैं जो योनि में डाला जा सकता है।
मासिक धर्म कप – ये सिलिकॉन कप मासिक धर्म प्रवाह को एकत्र करने के लिए योनि के अंदर रखा जा सकता है। सैनिटरी पैड या टैंपन के विपरीत, मासिक धर्म के कप को पुन: उपयोग किया जा सकता है।
इन सेनेटरी उत्पादों को फेंके कैसे?
सेनेटरी पैड को खुले में नहीं फेंक दिया जाना चाहिए क्योंकि यह बैक्टीरिया को तेजी से पनपा आकर रोग फैला सकता है। उन्हें शौचालयों को फ्लश नहीं किया जाना चाहिए, क्योंकि प्लास्टिक की नालियों को चोक कर सकता है। इन्हें पेपर में लपेट कर कचरे के साथ फेंक देना चाहिए।
यदि एक सैनिटरी पैड उपलब्ध नहीं है, तो क्या करें?
अगर कोई सैनिटरी नैपकिन या टैम्पन उपलब्ध नहीं है, तो एक साफ सूती कपड़ा का उपयोग मासिक धर्म प्रवाह को सोख करने के लिए किया जा सकता है। प्रवाह के आधार पर कपड़ा को समय-समय पर बदला जाना चाहिए।
क्या पीरियड्स में दर्द होता है?
हाँ। पीरियड के दौरान दर्द और ऐंठन होना सामान्य है। इस दर्द की तीव्रता और अवधि व्यक्ति से व्यक्ति भिन्न होती है। यह प्रोस्टाग्लैंडीन नामक हार्मोन के कारण होता है जो चिकनी मांसपेशियों के संकुचन को उत्तेजित करते हैं जिसमें गर्भाशय एक होता है। गर्भाशय के उत्तेजित होने पर ही उसमें से लाइनिंग का टूटना होता है।
किशोरियों में यह ज्यादा होता है। समय के साथ दर्द और ऐंठनअक्सर कम हो जाती है। बच्चा होने के बाद पीरियड में दर्द और ऐठन में काफी राहत होती है।
इस दर्द में डॉक्टर के पास जाने की ज़रूरत नहीं है। दवा, गर्म सेंक या पेट की मालिश से आराम हो सकता है। बहुत सी लड़कियों में पीरियड्स समय पर शुरू नहीं होते। अगर 16 साल की उम्र तक पीरियड नहीं शुरू हों तो डॉक्टर से संपर्क करना चाहिए।
Menstruation is normal discharge of blood and tissue from the uterine lining through the vagina that occurs as part of a woman’s monthly menstrual cycle. Menstruation occurs between menarche, a girl’s first period, and menopause, when menstrual cycles end. The average menstruation time in normally menstruating women is about 5 days. It starts between the age of 10-16 years. Sanitary napkins are used in India for periods.
Madam meri gf K abki bar periods Me dard had se jayada ho rha h or pet Me nase Me bahut khinchaw aa rha h or blooding bhi bhahut Ho rhi h kuch bataiye na
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