सर्वाइकल पॉलीप्स Cervical Polyps Information, Symptoms and Treatment

जानिये सर्वाइकल पॉलीप्स क्या होते हैं और यह क्यों विकशित होते हैं? सर्वाइकल पोलिप के लक्षण क्या होते हैं और इसका इलाज कैसे लिया जाता है?

गर्भाशय जिसे इंग्लिश में यूट्रस Utres  कहते हैं, स्त्री का मुख्य आंतरिक प्रजनन अंग है। यह पेशाब के ब्लैडर Urine bladder और मलाशय anus के बीच में स्थित होता है इसमें ही शिशु का विकास होता है।

यूट्रस का आकार एक नाशपाती जैसा होता है। गर्भाशय का निचला हिस्सा, या गर्भाशय की गर्दन को गर्भाशय ग्रीवा cervix or cervix uteri कहते हैं। यह आमतौर पर 2 से 3 सेंटीमीटर लंबा (~ 1 इंच) और आकृति में बेलनाकार होता है। यह एक सिरे से गर्भाशय से और दूसरी तरफ से योनि में जुड़ा होता है।

गर्भाशय ग्रीवा की गर्भाशय में ओपनिंग को इंटरनल ओएस internal os और योनि में ओपनिंग को एक्सटर्नल ओएस external os कहते हैं। जो दोनों को जोड़ते हुए नाली बनती है वो सर्वाइकल कैनाल कहलाती है। शुक्राणु योनि से सर्वाइकल कैनाल में होते हुए फैलोपियन ट्यूब में पहुचते हैं। सर्वाइकल कैनाल में होने वाला स्राव पूरे महीने में बदलता रहता है। इसमें म्यूकस होता है जो पतला या गाढ़ा हो सकता है, इसमें गर्भाशय से टूटती हुई लाइनिंग का स्राव पीरियड की ब्लीडिंग की तरह होता है। प्रसव के दौरान गर्भाशय ग्रीवा या सर्विक्स ही चौड़ी / डाईलेट dilate होती है।

मेडिकल भाषा में पोलिप, बॉडी सेल्स की असामान्य ग्रोथ को कहते हैं। यह म्यूकस झिल्ली से बाहर की और निकली हुई संरचना होती है। अक्सर यह नीचे पतले और लम्बे तने की तरह उतकों से जुड़ी होती है। मानव शरीर में पोलिप कोलन, पेट, नाक, साइनस, पेशाब के ब्लैडर और गर्भाशय में पाए जाते हैं।

जब पोलिप सर्विक्स या गर्भाशय की ग्रीवा में होते हैं तो इन्हें सर्वाइकल पोलिप Cervical Polyps, Polyp of Cervix कहते हैं। सरवाइकल पॉलीप्स देखने में उंगली के समान होते हैं और कई बार सर्वाइकल कैनाल से बाहर की और निकलते हैं और योनि के बाहर भी प्रोजेक्ट हो सकते हैं।

सर्वाइकल पॉलीप्स होने के कारण

सरवाइकल पॉलीप्स होना बहुत आम है। यह अक्सर 20 साल से अधिक उम्र के महिलाओं में देखे जाते हैं। ज्यादातर महिलाओं में एक पॉलीप होता है, लेकिन कुछ महिलाओं में दो या तीन पॉलीप्स भी देखे जा सकते हैं।

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सरवाइकल पॉलीप्स होने के स्पष्ट कारण पता नहीं हैं लेकिन कुछ स्थितियों में यह हो सकता है, जैसे:

  1. महिला हार्मोन एस्ट्रोजन के बढ़ने के स्तर पर असामान्य प्रतिक्रिया की तरह abnormal response to increased levels of the female hormone estrogen
  2. पुरानी सूजन Chronic inflammation
  3. गर्भाशय ग्रीवा में रक्त वाहिकाओं का जाम होना Clogged blood vessels in the cervix

गर्भावस्था में पॉलीप्स होना

प्रेगनेंसी के दौरान पोलिप होना बहुत कॉमन है।

प्रेगनेंसी के दौरान, स्त्री के अंदर हॉर्मोन का बहुत अधिक और तेज़ी से बदलाव हो रहा होता है। एस्ट्रोजन का स्तर शुरू के तीन महीनों में बहुत तेज़ी से बढ़ता है और इसी कारण से जी मिचलाना-उल्टियाँ आती है। एस्ट्रोजन दोनों ओवरी और प्लेसेंटा के द्वारा बनाया जा रहा होता है। इसका बढ़ा लेवल ही गर्भाशय को बढ़ने में सहयोग करता है और लाइनिंग को बनाये रखता है। एस्ट्रोजन के प्रभाव से ब्रैस्ट बढ़ने लगती हैं और छूने पर उनमें दर्द होता है।

एस्ट्रोजन हॉर्मोन के प्रभाव से म्यूकस मेम्ब्रेन में ब्लड फ्लो बढ़ जाता है और उनमें सूजन आ जाती है। इसी कारण से नाक बंद लगती है।

बढ़े हुए एस्ट्रोजन का असर सर्वाइकल कैनाल पर भी पड़ता है। यहाँ की म्यूकस मेम्ब्रेन में भी ब्लड फ्लो बढ़ जाता है। बढ़ते हुए हॉर्मोन के असर से सरवाइकल पॉलीप्स भी बन सकते हैं। ऐसा सभी के साथ नहीं होता लेकिन कुछ महिलाओं में ऐसा हो सकता है।

सरवाइकल पॉलिप होने पर, योनि से स्पॉटिंग या ब्लीडिंग हो सकती है। यह ब्लीडिंग हल्के से भारी लग सकती है। पेशाब या स्टूल करते समय यह ब्लीडिंग दबाव से बढ़ जाती है। ज्यादातर मामलों में जब ब्लीडिंग के कारण डॉक्टर से संपर्क किया जाता है तो सर्विक्स में पोलिप के होने का पता चलता है। यह ब्लीडिंग पोलिप से हो रही होती है नाकि गर्भाशय से। इसलिए घबराने के कोई ज़रूरत नहीं होती। डॉक्टर पहली तिमाही में इसे हटाने के लिए नहीं कहते। वे केवल आराम करने और सेक्स न करने की सलाह देते हैं।

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काफी समय तक यह पॉलिप बढ़ता रहता है। कई बार यह ऊँगली की लम्बाई का भी लगता है और योनि से बाहर भी दिखाई देने लगता है।

गर्भावस्था जैसे जैसे आगे बढ़ती है, यह पॉलिप अपने आप गायब भी हो जाते हैं।

सर्वाइकल पॉलिप होने से गर्भाशय को कोई नुकसान नहीं होता। ब्लीडिंग देख कर ज़रूर परेशानी हो सकती है लेकिन घबरायें नहीं। इससे कोई नुकसान नहीं होगा।

सर्वाइकल पॉलीप्स के लक्षण

ऐसा ज़रूरी नहीं कि सर्वाइकल पोलिप के हमेशा कोई लक्षण हों। जब लक्षण मौजूद होते हैं, तो इसमें शामिल हो सकते हैं:

  1. बहुत भारी मासिक धर्म Very heavy menstrual periods
  2. योनि को धोने से या संभोग के बाद ब्लीडिंग होना Vaginal bleeding after douching or intercourse
  3. योनि से असामान्य खून बहना जैसे रजोनिवृत्ति के बाद या पीरियड के बीच Abnormal vaginal bleeding after menopause or between periods
  4. सफेद या पीला म्यूकस निकलना White or yellow mucus

सरवाइकल पॉलीप्स के लिए परीक्षाएं और टेस्ट

स्त्री रोग विशेषज्ञ के पास जाने पर वे पेल्विक एग्जाम करते हैं। योनि को फैला कर वे देखकर सर्विक्स में पोलिप होने का पता लगा सकते हैं।

सर्वाइकल पॉलीप्स का इलाज़

  1. छोटे पोलिप का कोई इलाज़ नहीं किया जाता।
  2. केवल बड़े सरवाइकल पॉलीप्स जिनके लक्षण हों, का इलाज़, पोलिप को हटा कर लिया जाता है। आउट पेशेंट प्रक्रिया के दौरान पॉलीप्स को निकाल जा सकता है।
  3. घुमाकर हटाना Smaller polyps may be removed with gentle twisting
  4. इलेक्ट्रोकैटरी Electrocautery may be needed to remove larger polyps
  5. पॉलीप हटाने के बाद कुछ दिनों तक ब्लीडिंग या ऐंठन-दर्द हो सकता है।

डॉक्टर से कब संपर्क करें?

डॉक्टर से संपर्क करें, यदि

  1. योनि से असामान्य ब्लीडिंग हो रही है Abnormal bleeding from the vagina, including
  2. सेक्स के बाद ब्लीडिंग हो रही है bleeding after sex or between periods
  3. योनि से असामान्य डिस्चार्ज होता हो Abnormal discharge from the vagina
  4. असामान्य रूप से पीरियड के दौरान ज्यादा ब्लीडिंग Abnormally heavy periods
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योनि से होने वाले किसी भी असामान्य डिस्चार्ज में स्त्री रोग विशेषज्ञ से संपर्क करना चाहिए जिससे सही राय मिल सके।

Cervical polyps are smooth, red, finger-shaped growths in the cervix. The exact reason for cervical polyps is not entirely understood. They may result from infection, chronic inflammation, an abnormal response to an increase in estrogen levels, or congestion of blood vessels in the cervical canal.

Polyps often occur without symptoms. They may cause abnormal vaginal bleeding. Cervical polyps may be inflamed and rarely can become infected, causing vaginal discharge of yellow or white mucus.

The most common treatment is removal of the polyp during a pelvic examination by gently twisting the polyp, tying it tightly at the base, or removing it with special forceps. A solution is applied to the base of the polyp to stop any bleeding.

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