गुदा मैथुन Anal sex: स्वास्थ्य खतरों की जानकारी

ऐनल सेक्स या गुदा मैथुन करना क्या जायज है, भारत में यह कानूनन जुर्म है, जानिये गुदा मैथुन के स्वास्थ्य खतरे क्या हैं और गुदा मैथुन करते समय क्या सावधानी बरतनी चाहिए, गुदा सेक्स से यौन संचरित बीमारियाँ होने और hiv एड्स होने का खतरा सबसे ज्यादा होता है।

ऐनल सेक्स, गुदा मैथुन या गुदा सेक्स, एक प्रकार का सेक्स है जिसमें पेनिस को योनि की बजाय गुदा में डाला जाता है। Anal sex or anal intercourse is generally the insertion and thrusting of the erect penis into a person’s anus. ऐनल सेक्स समाज में एक टैबू है जिसपर कोई बात नहीं करता। लेकिन बहुत से कंसेंटिंग होमोसेक्चुअल कपल ही नहीं हेट्रोसेक्चुअल कपल इसे कर रहे हैं। किसी भी और प्रकार से किए जाने वाले सेक्स की ही तरह गुदा मैथुन में भी किसी संक्रमित व्यक्ति के साथ नहीं किया जाना चाहिए, गुदा सेक्स करने से hiv एड्स फैलने का खतरा सबसे ज्यादा होता है

सेक्स की पुरानी किताबों में भी इसका उल्लेख मिलता है। कामसूत्र के जनक वात्स्यायन ने इसे भी सम्भोग का एक तरीका बताया है। यह बेड रूम सीक्रेट है।

भारत में एनल सेक्स करना गैरकानूनी (धारा 377— मुख-मैथुन, गुदा-मैथुन या अन्य प्रकृति विरुद्ध अपराध ) है। यह कानूनन अपराध है। गुदा सेक्स से यौन संचारित रोग (एसटीडी रोग एचआईवी वायरस, हेपेटाइटिस बी, हपौंज कौंपलैक्स एवं ह्यूमन पैपिलोमा एड्स) हो सकता है।

गुदा द्वार की मांसपेशियां अत्यधिक टाइट होती हैं और उनसे कोई ल्यूब स्रावित नहीं होता इसलिए मैथुन के दौरान चिकनाई का प्रयोग करना ज़रूरी हो जाता है। बिना चिकनाई या ल्यूब के इस्तेमाल से फ्रिक्शन होता है जिससे गुदा या पेनिस को चोट लग सकती है। पेनिस मुड़ सकता है। ल्यूब के साथ भी गुदा में घाव हो सकता है जिससे ब्लीडिंग हो सकती है। लम्बे समय तक बार-बार गुदा सेक्स करने से स्टूल होल्ड करना भी कठिन हो सकता है।

मार्किट में सैकड़ों विभिन्न स्नेहक उपलब्ध हैं। पानी आधारित चिकनाई water based lubricants आमतौर पर सबसे सुरक्षित माना जाता है। वाटर बेस्ड ल्यूब से गुदा पर जलन नहीं होती। यदि कंडोम का इस्तेमाल कर रहें हैं तो उसके फटने का डर भी नहीं रहता। लेकिन यह बहुत जल्दी सूख जाते हैं और इन्हें बार-बार लगाना पड़ता है।

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ऑयल आधारित ल्यूबों को अब सुरक्षित सेक्स के लिए स्नेहन के रूप में अनुशंसित नहीं किया जाता है। तेल मलाशय या योनि पर एक कोटिंग छोड़ सकता है जिससे बैक्टीरिया या अन्य संक्रमण हो सकते हैं।

सिलिकॉन आधारित ल्यूब्स स्नेहन के एक नए रूप हैं वे काफी लोकप्रिय हो गए हैं क्योंकि वे सभी कंडोम और लेटेक्स उत्पादों के साथ उपयोग करने के लिए सुरक्षित हैं।  सिलिकॉन आधारित ल्यूब्स को धोने में दिक्कत हो सकती है और ये सेक्स टॉय जो सिलिकॉन से बने होते हैं, को नुकसान पहुंचा सकते हैं। सिलिकॉन आधारित चिकनाई के बजाय पानी-आधारित ल्यूब के साथ कंडोम का उपयोग सेक्स टॉयज के साथ इस्तेमाल किया जा सकता है।

गुदा मैथुन में किन बातों का ध्यान रखना चाहिए?

यदि दोनों ही पार्टनर गुदा सेक्स (ऐनल सेक्स) करना चाहते हैं तो उन्हें निम्न बातों का ध्यान रखना चाहिए:

  • अपने पार्टनर से बात करें।
  • साफ़-सफाई का ध्यान रखें।
  • गुदा को सेक्स से पहले अच्छे से साफ़ करें। हो सके तो वाटर जेट से गुदा के अंदर साफ़ करें।
  • सेक्स के दौरान अच्छी मात्रा में लुब्रिकेंट्स का गुदा पर लगायें।
  • रेसेप्टिव पार्टनर एनल मसल्स को रिलैक्स करें। ऐसे सेक्स में यदि योनि को सहलाते रहें तो पेनिस को एनस में जाने में आसानी होती है क्योंकि ऐसा करने से गुदा की मसल्स रिलैक्स हो जाती है।
  • सेक्स की पोजीशन बहुत इम्पोर्टेन्ट है। सेक्स ऑन टॉप की पोजीशन नहीं करें इकके बजाए साइड से करें , इसमें आसानी हो सकती है।
  • यह सेक्स बहुत जेंटली करें। जल्दबाजी नहीं करें और बहुत अधिक फ़ोर्स नहीं लगायें।
  • सेक्स के तुरंत बाद पेनिस को धो लें।
  • एक बार गुदा में पेनिस को डालने के बाद योनि में इसे नहीं डालें।
  • पाइल्स या बवासीर, या गुदा के किसी भी दूसरे रोग में इसे नहीं करें।
  • यदि पसंद नहीं हो तो इसे नहीं करें।

कुछ कपल गुदा मैथुन क्यों करना चाहते हैं?

  • पुरुषों को इसे करने में आनंद आता है क्योंकि इसमें पेनिस पर अधिक टाइटनेस महसूस होती है।
  • कुछ कपल अलग एक्सपीरियंस के लिए इसे करते हैं।
  • इसे करने से प्रेगनेंसी नहीं होती।
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गुदा मैथुन से क्या नुकसान है?

भारत में गुदा सेक्स (ऐनल सेक्स) illegal है। इसे अप्राकृतिक माना जाता है। भारतीय दण्ड संहिता की धारा 377 में इसे प्रकृति विरुद्ध अपराध माना गया है। इसके अनुसार जो कोई किसी पुरुष, स्त्री या जीव जंतु के साथ प्रकृति विरुद्ध सेक्स क्रेता है उसे दस वर्ष तक का साधारण अथवा कठोर कारावास या जुर्माना दंडनीय है।

Chapter XVI, Section 377 of the Indian Penal Code dating back to 1861, introduced during the British rule of India, criminalizes sexual activities “against the order of nature”, arguably including homosexual sexual activities. Oral and anal sex are regarded as unnatural sexual acts and are illegal under Indian penal code. It also criminalizes consensual sexual acts of Lesbian, Gay, Bisexual and Transgender (LGBT) adults in private.

गुदा में योनि की तरह प्राकृतिक स्नेहन नहीं होता।

गुदा में पेनिस डालने से गुदा के टिश्यू फट सकते हैं जिसमें बैक्टीरिया और वायरस आक्रमण कर सकते हैं और खून में जा सकते हैं। अध्ययन बताते हैं कि एचआईवी होने का रिस्क गुदा सेक्स से योनि एक्सपोजर की तुलना में ग्रहणशील साथी में 30 गुना ज्यादा होता है।

मानव पेपिलोमावायरस (एचपीवी) human papillomavirus (HPV) एक्सपोजर से गुदा में मस्से और गुदा कैंसर के विकास होने का खतरा बढ़ सकता है। स्नेहक का उपयोग कुछ मदद कर सकता है, लेकिन पूरी तरह से गुदा के टिश्यू पर दरार पड़ने से नहीं रोकता है।

गुदा को मल रोकने के लिए डिज़ाइन किया गया है। गुदा एक अंगूठी की तरह मांसपेशियों से घिरा हुआ है, जिसे गुदा स्फिंगटर कहा जाता है। यह शौच के बाद वापस से टाइट हो जाता है। बार-बार गुदा सेक्स से यह दबानेवाला स्फिंगटर कमजोर हो सकता है, जिससे आपको शौचालय तक पहुंचने तक मल को रोकना मुश्किल हो जाता है। कैगेल एक्स्सरसाइज़ से स्फेनेक्टर को मजबूत करने के लिए या इस समस्या को रोकने या इसे ठीक करने में मदद मिल सकती है।

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गुदा सेक्स डेंजरस है। गुदा बैक्टीरिया से भरा स्थान है। अगर दोनों पार्टनर यौन-संक्रमित नहीं भी हैं तो भी आम तौर पर गुदा में जीवाणु पेनिस को संक्रमित कर सकते हैं। गुदा सेक्स के बाद योनि सेक्स का योनि और मूत्र पथ के संक्रमण का कारण बन सकता है ।

गुदा के साथ ओरल संपर्क हेपेटाइटिस, दाद, एचपीवी, और अन्य संक्रमणों के लिए दोनों साझेदारों को खतरे में डाल सकता है।

गुदा मैथुन (ऐनल सेक्स) के बाद ब्लीडिंग हो सकती है। इसके लिए कुछ ऑइंटमेंट और क्रीम उपलब्ध हैं जो की लगा सकते हैं। बिना पर्ची के बिकने बवासीर स्थानीय एनेस्थेसिया युक्त क्रीम अस्थायी रूप से दर्द को कम कर सकते हैं। गुदा से ब्लीडिंग होने पर स्टूल सॉफ्टनर लेना चाहिए जिससे शौच के दौरान दर्द नहीं हो। Sitz bath में बैठने से खुजली, जलन, और मांसपेशियों की ऐंठन दूर हो सकती है।

गुदा मैथुन में कौन से लुब्रिकेंट्स इस्तेमाल कर सकते हैं?

गुदा मैथुन को बिना अच्छे लुब्रिकेंट के इस्तेमाल के नहीं किया जा सकता। गुदा से किसी भी तरह की चिकनाई का स्राव नहीं होता। बिना चिकनाई के गुदा द्वार के छिलने-कटने का खतरा रहता है। इसलिए पहले अच्छे एक ल्यूब को खरीदें। ल्यूब का इस्तेमाल नहीं करेंगें तो यह बहुत अधिक दर्द युक्त अनुभव हो सकता है।

गुदा सेक्स के लिए थिक ल्यूब का इस्तेमाल किया जाना चाहिए जिससे यह देर तक गुदा को चिकनाई दे। यदि कंडोम का प्रयोग कर रहे हैं तो नारियल का तेल, किसी भी तरह का दूसरा तेल इस्तेमाल नहीं करना चाहिए क्योंकि इससे कंडोम फट सकता है।

गुदा पर यदि वाटर बेस्ड ल्यूब इस्तेमाल कर रहे हों, तो यह ध्यान रखें कि गुदा पानी को अब्सोर्ब करती है और इसलिए यह बहुत जल्दी सूख जाता है जिससे इसे बार – बार लगाना होता है।

सिलिकॉन बेस्ड ल्यूब silicone-based lubes अधिक देर तक टिके रह सकते हैं। लेकिन अगर सिलिकॉन anal टॉय का इस्तेमाल कर रहे हों तो सिलिकॉन बेस्ड ल्यूब नहीं इस्तेमाल करना चाहिए क्योंकि सिलिकॉन से सिलिकॉन का प्रोडक्ट ब्रेक हो सकता है और गुदा में रह सकता है जिससे आप दिक्कत में पड़ सकते हैं

  • वैसेलीन का इस्तेमाल भी कर सकते हैं।
  • वर्जिन नारियल का तेल भी लगा सकते हैं।
  • ओलिव आयल लगा सकते हैं। यह नेचुरल आयल है और कोई नुकसान नहीं करता लेकिन अगर कंडोम इस्तेमाल कर रहे हैं तो यह उसे ब्रेक कर सकता है। इसे कपड़ों पर दाग लग सकते हैं। तेलों के साथ केवल एक समस्या है उन्हें कपड़ों से साफ़ करना थोड़ा मुश्किल हो सकता है।
  • कुछ लोग बेबी आयल का भी इस्तेमाल करते हैं।
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यदि आपकी त्वचा संवेदनशील है, तो ल्यूब को अपने आंतरिक बांह या जांघ पर पहले परीक्षण करें।

गुदा सेक्स से आप और आपके साथी को एक नया सेक्स एक्सपीरियंस हो सकता है। यह एक एडवेंचर सा लग सकता है। गुदा सेक्स करने से प्रेगनेंसी नहीं हो सकती क्योंकि गुदा और योनि के रास्ते एकदम अलग है। इसलिए गुदा सेक्स के दौरान वीर्य के गुदा में स्खलन से गर्भावस्था का कोई खतरा नहीं। है। यदि सेक्स टॉयज इस्तेमाल कर रहे हों तो गुदा सेक्स के बाद गर्म पानी और साबुन से सबको अच्छी तरह से धोएं, विशेषकर बैक्टीरिया संक्रमण के जोखिम के कारण योनि में प्रवेश के लिए उनका उपयोग करने से पहले।

सबसे अधिक महत्वपूर्ण बात यह है कि सेक्स के लिए पार्टनर की रजामंदी हो। इसके लिए किसी को मजबूर नहीं किया जाना चाहिए और यह तभी किया जाना चाहिए जब पार्टनर पूरी तरह से मेंटली तैयार हो। किसी भी तरह का सेक्स सम्बन्ध जो जबदस्ती बनाया जाता है पूरी तरह से गलत है। पुरुष को महिला की महिला को पुरुष की इच्छा का सम्मान करना चाहिए। यदि कोई सेक्स के लिए तैयार नहीं है तो उस मजबूर नहीं किया जाना चाहिए।

लेकिन किसी अनजान के साथ गुदा सेक्स करने से यौन संचारित रोग होने का खतरा बहुत अधिक होता है। ऐसे सेक्स के दौरान गुदा द्वार कट या छिल सकता है जिससे इन्फेक्टेड व्यक्ति का खून सीधे ही पेनिस के संपर्क में आ जाता है। खून संक्रमण फैलने का एक बहुत ही तीव्र साधन बन सकता है। इसलिए कभी भी इस डेंजरस सेक्स प्रैक्टिस को किसी अनजान या सेक्स वर्कर के साथ नहीं करें।

गुदा सेक्स के जोखिम से पूरी तरह से बचने का एकमात्र तरीका गुदा सेक्स से दूर रहना है। यदि आप गुदा सेक्स में संलग्न हैं, तो संक्रमण और बीमारियों के फैलने से बचाने के लिए कंडोम का इस्तेमाल करना हमेशा महत्वपूर्ण होता है।

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