वसंत, गर्मियों व पतझड़ के महीनों के दौरान हवा मे पराग कण, धूल, आदि बहुत बढ़ जाते हैं। यह एलर्जी करने वाले पदार्थ जब सांस के द्वारा नाक में जाते हैं तो शरीर में हिस्टामिन बनते हैं जिससे एलर्जी के लक्षण जैसे कि बार-बार छींकना, आँख-नाक से पानी गिरना, आँखे लाल हो जाना आदि प्रकट होते हैं।
वसंत और गर्मी की शुरूवात के समय होने वाले यह लक्षण हे फीवर या परागज ज्वर या एलर्जिक रायनाइटिस Hay Fever or Allergic rhinitis कहलाते हैं।
गर्भावस्था के दौरान भी कोई महिला इन लक्षणों से प्रभावित हो सकती है। इसलिए यदि किसी में हर साल ऐसा होने कि टेंडेंसी है तो उसे पहले से ही इससे बचने की कोशिश करनी चाहिए। यदि यह हो जाए तो किसी भी प्रकार की दवा लेने से बचना चाहिए और ज़रूरत पड़ने पर डॉक्टर से संपर्क करना चाहिए।
Hay fever or seasonal allergy is occurring during spring, summer, and fall when trees, weeds, and grasses release tiny pollen grains into the air. These pollen reaches nose and throat to trigger a type of allergy symptoms. Symptoms can include
- Coughing and postnasal drip
- Dark circles under the eyes
- Itching eyes, nose and throat
- Red and watery eyes
- Sneezing, often with a runny or clogged nose
- Nasal sprays and eye drops can be used to get relief from the symptoms. Antihistamins can also be used.
हे फीवर क्या है?
हे फीवर हवा में पराग, धूल, जानवरों के छोटे बारीक़ बाल, आदि के होने से शरीर की एलर्जी की प्रतिक्रिया है। हे फीवर तब होता है जब पराग का स्तर उच्चतम होता है। यह होने पर व्यक्ति को बार-बार और लगातार छींके आती है, नाक से पानी गिरने लगता है और आँखे भी थोड़ी पफी लगती है।
- नाक में खुजली
- नाक जाम होना
- नाक से पानी गिरना
- गंध न पता लगना
- आँख में जलन
- आँखों का लाल हो जाना
- आँखों का पफी लग्न
- आँख से पानी गिरना
- छींके आना
- मुंह से सांस लेना
- कफ, थकावट, सिर में दर्द, और गले में जलन होना आदि।
गर्भावस्था के दौरान हे फीवर हो जाए तो हल्के मामलों में उपचार आवश्यक नहीं है तथा गर्भावस्था के दौरान एलर्जी होने और बच्चे में जन्म के दोष के बीच कोई लिंक नहीं पाया गया है।
गर्भवती महिलाएं जो हे फीवर से अधिक गंभीर रूप से प्रभावित होती हैं उन्हें लक्षणों को कम करने के लिए निम्न सलाह दी जा सकती है:
(1) यदि संभव हो तो पराग, धूल, आदि के संपर्क में न आने की कोशिश करें।
(2) यदि यह मदद नहीं करता है, तो नाक में डाले जाने वाले स्प्रे और ऑय ड्रॉप्स जिनमें सोडियम क्रॉमोग्लैकेट, कॉर्टिकोस्टेरॉयड या एंटीहिस्टामिन (कभी-कभी विभिन्न संयोजनों में) sodium cromoglicate, corticosteroids, or antihistamines, का इस्तेमाल किया जा सकता है।
हालांकि, डिकंजेस्टेन्ट decongestants युक्त नेज़ल स्प्रे या ऑय ड्रॉप्स को इस्तेमाल नहीं किया जाना चाहिए।
(3) यदि उपरोक्त उपाय प्रभावी नहीं हैं, तो आप गर्भावस्था में एंटीहिस्टामाइन के उपयोग के बारे में अपने डॉक्टर से बात कर सकते हैं।
कुछ एंटीहिस्टामाइंस से नींद आती है और ऐसे दवाओं को गर्भवती महिला के द्वारा इस्तेमाल नहीं किया जाना चाहिए।
क्या गर्भावस्था के दौरान डिकंजेस्टेन्ट decongestants का उपयोग कर सकते हैं?
नहीं, डिकंजेस्टेन्ट दवाओं में अक्सर स्यूडोएफ़ीड्रिन होता है जो रक्त वाहिकाओं को संकीर्ण कर के जाम नाक को ठीक करने में मदद करता है। इससे नाक झिल्ली और श्लेष्म उत्पादन की सूजन कम हो जाती है। डिकंजेस्टेन्ट को गर्भावस्था के किसी भी स्तर पर उपयोग के लिए अनुशंसित नहीं किया जाता क्योंकि वे नाल से बच्चे को होने वाले रक्त के प्रवाह को भी कम कर सकते हैं।
क्या मेरे बच्चे को गर्भावस्था के दौरान अतिरिक्त निगरानी की आवश्यकता है?
नियमित प्रसवपूर्व देखभाल के रूप में, अधिकांश महिलाओं को जन्म के दोषों को देखने के लिए और बच्चे के विकास की जांच के लिए गर्भावस्था के लगभग 20 सप्ताह में अल्ट्रासाउंड कराने की सलाह दी जाती है।
ऐसा कोई प्रमाण नहीं है कि गर्भावस्था के दौरान फे फेवर से होने वाले बच्चे के लिए अतिरिक्त निगरानी की आवश्यकता होगी।