गर्भावस्था में टीकाकरण Pregnancy and Vaccination

गर्भावस्था के दौरान भारत में टीकाकरण में कौन कौन से टीके सुरक्षित होते हैं, टिटनेस इंजेक्शन प्रेगनेंसी में बहुर जरूरी होता है। Know vaccinations during pregnancy and schedule of vaccinations in India Hindi.

गर्भावस्था में टीकाकरण बहुत जरूरी होता है, गर्भावस्था के पहले और इसके दौरान कुछ टीकों को लगाने से माँ और होने वाले बच्चे को कई जटिलताओं और रोगों vaccines prevent complication and diseases during pregnancy से बचाया जा सकता है। कुछ रोगों से बचाने वाले टीकों को गर्भावस्था के दौरान लगाया जा सकता है लेकिन बहुत से ऐसे भी हैं जिन्हें गर्भ के दौरान प्रयोग नहीं किया जाना चाहिए। टिटनेस का टीका तो हर गर्भवती महिला को समय से लगवा लेना चाहिए जिससे प्रसव के दौरान बच्चे को टिटनेस का संक्रमण न हो।

क्या हर तरह का टीका गर्भावस्था में लगाया जा सकता है?

नहीं, गर्भावस्था में कुछ टीके बिलकुल प्रयोग नहीं किये जाने चाहिए।

टीके Vaccines मुख्य रूप से तीन प्रकार के माने जा सकते हैं:

  1. वे जिनमें लाइव वायरस हैं live virus.
  2. वे जिनमें डेड वायरस हैं dead virus.
  3. टोक्सोइड्स, वे जिन्हें बैक्टीरिया में पाए जाने वाले प्रोटीन को केमिकली बदल कर बनाया गया है toxoids, chemically altered proteins drawn from bacteria.

गर्भवती महिलाओं को लाइव वायरस वाले टीके नहीं लगाए जाने चाहिए जैसे की नहीं मिलनी चाहिए, जैसे खसरा, और रूबेला वैक्सीन (एमएमआर) measles, mumps, and rubella vaccine (MMR), क्योंकि इसमें थोड़ी सी संभावना है कि इससे बच्चे के बच्चे को नुकसान होगा।

वैक्सीन जिनमें डेड वायरस हैं जैसे कि फ्लू शॉट, टोक्सोइड्स टीके जैसे टेटनस / डिप्थीरिया / टेटाटिसिस (टीडीएपी) सुरक्षित हैं।

कौन से टीके गर्भावस्था से पहले लगवा लेने चाहिए?

यदि आप बच्चे के लिए प्लानिंग कर रहीं हैं तो कुछ वैक्सीन आपको गर्भावस्था से पहले लगवा लेनी चाहिए। यदि इनमें लाइव वायरस हैं तो तुरंत बेबी के लिए ट्राई न करें। एक-दो महीने रुक जाएँ।

मेसल्स, मम्प्स और रूबेला वैक्सीन (एमएमआर) Measles, Mumps and Rubella vaccine: (MMR): मिज़िल्स वायरस उत्पन्न बहुत ही संक्रामक बीमारी है। यह बुखार, नाक बहना और खांसी से शुरू होती है और फिर पूरे शरीर में लाल रैशेज़ हो जाते हैं। मम्प्स से सलाइवरी ग्लांड्स सूज जाते हैं। इन संक्रमणों के कारण एबॉर्शन या प्रीमेच्यूर डिलीवरी के आसार बढ़ जाते हैं। रूबेला या जर्मन मिज़िल्स भी वायरल रोग हैं और फ्लू जैसे लक्षणों से शुरू होता है और बाद में पूरे शरीर पर रैशेज़ हो जाते हैं। यह गर्भावस्था में बच्चे के लिए बहुत खतरनाक है। इसके होने पर बच्चा गर्भ में ही खराब हो सकता है या फिर पैदा होने पर उसमें गंभीर जन्मजात विकृतियाँ, जैसे बहरापन, दिमागी कमजोरी आदि हो सकते हैं।

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चिकनपॉक्स वैक्सीन: यह भी एक संक्रामक रोग है। यह बच्चे में जन्मजात विकृतियों का एक कारण है। इससे पैर ठीक से नहीं बनते। इससे लकवाग्रस्त पैर भी हो सकते हैं

गर्भावस्था में कौन से टीके ज़रूर लगाये जाते हैं?

  1. गर्भवती महिलाओं को गर्भावस्‍था के दौरान टीटी | टिटनेस टॉक्‍साइड, के दो टीके लगाये जाने चाहिए। इन टीकों को टीटी1 और टीटी2 कहा जाता है।
  2. टीटी का टीका माँ ओर बच्‍चे को टिटनेस की बीमारी से बचाता है। भारत में नवजात शिशुओं की मौत का एक प्रमुख कारण जन्‍म के समय टिटनेस का संक्रमण होना है।
  3. टीटी1 और टीटी2 टीकों के बीच चार सप्‍ताह का अन्‍तर रखना आवश्‍यक है।
  4. यदि गर्भवती महिला पिछले तीन वर्ष में टीटी के दो टीके लगवा चुकी है तो उसे इस गर्भावस्‍था के दौरान केवल बूस्‍टर टीटी टीका ही लगवाना चाहिए।
  5. टीटी2 (या बूस्‍टर टीका) टीका प्रसव की अनुमानित तारीख से कम से कम चार सप्‍ताह पहले दिया जाना चाहिए। ताकि उसे उसका पूरा लाभ मिल सके।

गर्भावस्था में और कौन से टीके लगवा सकते हैं, जोकि सुरक्षित हैं?

फ्लू शॉट: फ्लू के मौसम के दौरान यह टीका गर्भवती महिला को लगाया जा सकता है। इसे अक्टूबर से नवम्बर तक में लगवा सकते हैं। गर्भवती होने पर यह टीका लगवाने से कोई नुकसान नहीं है। फ्लू शॉट मृत वायरस से बना है, इसलिए यह आपके और बच्चे दोनों के लिए सुरक्षित है।

  1. क्या अन्य टीके हैं जिन्हें गर्भावस्था से पहले या के दौरान विचार करना चाहिए?
  2. डॉक्टर गर्भावस्था से पहले या उसके दौरान अतिरिक्त टीकाकरण की सिफारिश कर सकते हैं।
  3. हेपेटाइटिस बी वैक्सीन
  4. हेपेटाइटिस एक वैक्सीन
  5. निमोनिया वैक्सीन

यदि वैक्सीन से एलर्जी हो, तो?

  1. टीके के लिए गंभीर प्रतिक्रियाएं दुर्लभ हैं। लेकिन अगर आपको टीके के अवयवों से एलर्जी है तो कृपया उसे न लगवाएं।
  2. यदि बेकर्स यीस्ट से एलर्जी है तो हेपेटाइटिस बी वैक्सीन न लगवाएं।
  3. यदि अंडे से एलर्जी है, तो फ्लू शॉट न लगवाएं।
  4. यदि जिलेटिन या एंटीबायोटिक निओमाइसिन से एलर्जी है तो मेसल्स, मम्प्स और रूबेला वैक्सीन (एमएमआर) वैक्सीन न लगवाएं।

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