गर्भावस्था किसी भी महिला के लिए जीवन में होने वाला बहुत बड़ा परिवर्तन है। यह महिला में अनेकों शारीरिक परिवर्तनों को लाने के लिए जिम्मेदार है।
पीरियड्स Menstruation, period, मासिक, ऍमसी, मासिक धर्म, ऋतुस्राव आदि फीमेल्स में प्यूबर्टी के बाद हर महीने योनि से होनी वाली ब्लीडिंग को कहते हैं। प्यूबर्टी या यौवन आने के बाद से शुरू होने वाले पीरियड्स गर्भावस्था में रुक जाते हैं।
गर्भवती महिला को गर्भावस्था की अवधि तक पीरियड नहीं आते। उसे हर महीने की होने वाली तकलीफ और परेशानियों से आराम मिल जाता है। लेकिन प्रसव के तुरंत बाद से ब्लीडिंग शुरू हो जाती जोकि करीब महीना भर चलते हैं। प्रसव बाद हर महिला यह सोचने लगती है कि अब वापस से महिना कबसे शुरू होगा। क्योंकि महीने के आने का मतलब है फर्टिलिटी फिर से बहाल हो जाना और असुरक्षित सम्बन्ध बनाने से फिर से गर्भ ठहर जाना।
पीरियड्स दोबारा शुरु होने का टाइम पीरियड हर महिला के लिए अलग होता है। कोई तरीका यह नहीं बता सकता कि आपके पीरियड्स दुबारा से कब शुरू हो जाएंगे। हो सकता है कि पीरियड तुरंत से आ जाएँ या एक साल तक नहीं हो।
मुझे महीना आना कब से शुरू होगा? When Will My Period Return?
स्तनपान न कराने या नही कराने पर भी पीरियड्स निर्भर करते हैं। लेकिन ऐसा सभी के साथ नहीं है। आमतौर पर प्रसव के छह से आठ सप्ताह के बाद ही पीरियड वापस से आना शुरू हो जाते हैं।
यदि आप अपने बच्चे को बोतल से दूध पिलाती हैं, या स्तनपान के साथ बोतल भी लगा देती हैं, तो अधिक संभावना है कि आपके पीरियड्स जन्म देने के पांच से छह सप्ताह बाद शुरू हो जायेंगे।
कुछ महिलाओं में जिनका बच्चा दूध के लिए पूरी तरह से स्तनपान पर निर्भर है, में महीने आधे साल तक तक नहीं आते। लेकिन दूसरी महिलाओं में ऐसा होने पर भी, पीरियड्स प्रसव बाद की ब्लीडिंग के रुकने के बाद, फ़ौरन शुरू हो जाते हैं।
प्रसव के बाद, महीने तक चलन वाली ब्लीडिंग धीरे-धीरे कम होते हुए रुक जाए, लेकिन फिर से ब्लीडिंग हो जो 4-5 दिन चले और फिर रुके हो तो समझ जाना चाहिए, पीरियड्स की शुरुआत हो गई है।
इसलिए, इस प्रश्न (मुझे महीना आना कब से शुरू होगा) का उत्तर है, हो सकता है आपको डिलीवरी के बाद डेढ़ महीने बाद से ही पीरियड शुरू हो जाएँ या फिर आपको तब तक पीरियड नहीं आयें जब तक आपका बच्चा पूरी तरह से स्तनपान पर निर्भर है।
स्तनपान और पीरियड्स का क्या सम्बन्ध है?
आमतौर पर, स्तनपान कराने वाली महिलाओं में जन्म देने के तुरंत बाद पीरियड्स नहीं आते। ऐसा शरीर के हार्मोन के कारण से होता है। “हार्मोन” आपके शरीर में ग्रंथियों (इस मामले में, अंडाशय) द्वारा बनाए गए रसायन होते हैं जो आपके शरीर के अन्य हिस्सों को बताते हैं कि क्या करना है एस्ट्रोजेन और प्रोजेस्टेरोन महत्वपूर्ण हार्मोन हैं।
एस्ट्रोजेन का बढ़ा हुआ स्तर ओव्यूलेशन कराने के लिए जिम्मेदार है। प्रसव के बाद एस्ट्रोजेन और प्रोजेस्टेरोन के स्तरों में अकस्मात गिरावट प्रोलैक्टिन को बढ़ने का मौक़ा देता है जिससे स्तनों में दूध उतरता है। प्रोलैक्टिन का निर्माण मस्तिष्क में पिट्यूटरी ग्रंथि द्वारा किया जाता है। इसे पीआरएल या लेक्टोजेनिक हार्मोन भी कहा जाता है। प्रोलैक्टिन मुख्य रूप से प्रसव के बाद महिलाओं के दूध का उत्पादन करने में मदद करता है।
स्त्री में ओवरी में सैकड़ों की संख्या में अंडे / ओवा होते हैं। 21-40 दिन के अंतराल पर एक अंडा अंडाशय द्वारा निकाला जाता है। यह ओवा फैलोपियन ट्यूब में पहुंचता है। फैलोपियन ट्यूब में यदि इसे स्पर्म मिल जाता है तो यह निषेचित होकर गर्भाशय में चला जाता है। यदि निषेचन नहीं होता है, तो गर्भाशय की लाइनिंग की कोई आवश्यकता नहीं है क्योंकि वहाँ पोषण और रक्षा करने के लिए कोई भ्रूण नहीं है। अब प्रोजेस्टेरोन का स्तर गिरने लगता है और गर्भाशय में कुशन वाले रक्त वाहिनियों की लाइनिंग टूट जाती है और योनि से मासिक धर्म के स्राव की तरह बाहर कर दी जाती है।
लेकिन सभी में हॉर्मोन का दबना होगा ऐसा ज़रूरी नहीं है। सभी का शरीर अलग है। कुछ में हॉर्मोन का स्तर प्रसव बाद वापस से नार्मल हो जाता है। अगर ओवुलेशन के लिए जिम्मेदार हॉर्मोन जैसेकि एस्ट्रोजेन का लेवल एक महीने के अंदर नार्मल हो जाता है और पीरियड्स फिर से शुरू हो जाते हैं।
क्या प्रसव के बाद गर्भनिरोधक का प्रयोग तुरंत से कर देना चाहिए?
यदि आप फिर से गर्भवती नहीं होना चाहती हैं, तो यह जरूरी है कि आप जब भी सेक्स करें तो गर्भनिरोधक का उपयोग करें।
गर्भावस्था के बाद, यह याद रखना महत्वपूर्ण है कि आप अभी भी वापस से फर्टाइल हो सकती हैं। हो सकता है की आपको पता ही नहीं चले और ओवरी से एग निकलना शुरू हो जाए। यदि यह एग निषेचित हो गया तो फिर से बच्चा ठहर जाएगा।
अगर आपके पीरियड प्रसव बाद शुरू हो गए हैं तो इसका मतलब है आपकी फर्टिलिटी वापस आ गई है और असुरक्षित सेक्स से आप फिर से गर्भवती हो जायेंगी। इसलिए कॉण्ट्रासेप्शन जैसे की कंडोम का इस्तेमाल करें।
प्रसव बाद क्या पीरियड में भी बदलाव आते हैं?
प्रसव बाद जब पीरियड्स फिर से शुरू होते हैं, तो कुछ संभावना है कि यह पहले की तरह नहीं हों क्योंकि अभी शरीर में कई हॉर्मोन काम कर रहे हैं।
आप निम्न में से कुछ अंतर अनुभव कर सकते हैं:
- ऐंठन
- छोटे खून के थक्के
- भारी ब्लीडिंग
- ब्लीडिंग जो ऐसे लगती है जैसे शुरू होती हा और फिर रुक जाती है
जैसे जैसे पीरियड्स आने लगते हैं, यह पहले की ही तरह के हो जाते हैं। यह उतने ही दिन के गैप पर आते हैं और फ्लो भी सामान्य हो जाता है। कुछ महिलाओं में बच्चा होने के बाद पीरियड्स के दौरान होने वाले दर्द-ऐंठन आदि से राहत हो जाती है।
प्रसव बाद मासिक धर्म चक्र की वापसी जल्दी या देर से हो सकती है। कुछ महिलाओं में, स्तनपान से जुड़े हार्मोन की वृद्धि के कारण मासिक धर्म में देरी हो सकती है। लेकिन सभी में ऐसा नहीं होता। गर्भनिरोधक के रूप में स्तनपान पूरी तरह से सुरक्षित तरीका नहीं है।
अतिरिक्त ब्लीडिंग या संक्रमण के लक्षणों को समझें। गर्भावस्था के बाद पीरियड्स आने पर यदि कुछ भी असामान्य लगे तो अपने डॉक्टर से संपर्क करें।