डायलेशन एंड क्यूरेटेज (डी एंड सी) एक सर्जिकल प्रक्रिया है जिसमें गर्भाशय ग्रीवा (cervix गर्भाशय का निचला, संकीर्ण हिस्सा) को डाएलेट (फैलाते) करते हैं dilation refers to opening the cervix ताकि गर्भाशय की परत (एंडोमेट्रियम) को क्युरेट (चम्मच की शेप का इंस्ट्रूमेंट) के द्वारा क्यूरेटेज (खुरच कर निकालना) curettage refers to removing the contents of the uterus किया जा सके जिससे असामान्य ऊतकों को निकाला जा सके।
प्रत्येक मासिक चक्र के साथ, एंडोमेट्रियम जो गर्भाशय की लाइनिंग है, भ्रूण का पोषण करने के लिए तैयार होती है। एस्ट्रोजन और प्रोजेस्टेरोन के बढ़ते स्तर इसकी इस लाइनिंग को मोटाई देने में मदद करते हैं। यदि निषेचित अंडे का आरोपण नहीं होता है, तो एंडोमेट्रियम लाइनिंग टूट जाती है। यह लाइनिंग योनि और गर्भाशय ग्रीवा (मूत्राशय और मलाशय के बीच स्थित गर्भाशय के निचले, संकीर्ण भाग) से रक्त और म्यूकस के साथ मिलकर, मासिक की ब्लीडिंग के साथ निकाल दी जाती है। पोलिप, बॉडी सेल्स की असामान्य ग्रोथ को कहते हैं। जब पोलिप गर्भाशय की भीतरी दीवार से जुड़ा होता है तो, यह गर्भाशय के पॉलीव्स / यूट्रिन पोलिप या एंडोमेट्रियल पोलिप Endometrial polyps or Uterine polyps, Uterine bleeding – polyps, Vaginal bleeding – polyps) कहलाता है। यह गर्भाशय की कैविटी में लटकता है।
गर्भाशय (एंडोमेट्रियम) के अस्तर में कोशिकाओं के अधिक बढ़ जाने पर यह पोलिप बनते हैं। यूट्रिन पोलिप का आकार एक तिल के दाने से छोटा से लाकर गोल्फ बॉल जितना बड़ा हो सकता है। पोलिप एक बड़े आधार या पतले तने से गर्भाशय की दीवार से जुड़े रहते हैं। बड़े पोलिप को हटाने के लिए बहुत बार डीएनसी के लिए कहा जाता है।
कई बार गर्भाशय से एबनार्मल ब्लीडिंग होने लगती है। ऐसा गर्भाशय के अंदर पोलिप होने से, लाइनिंग बढ़ जाने, पूरी तरह से गर्भपात नहीं होने या डिलीवरी के बाद गर्भाशय की सफाई नहीं होने से हो सकता है। स्त्री रोग विशेषज्ञ को दिखाने पर वे पेल्विक की जांच के बाद गर्भाशय की सफाई या डी एंड सी के लिए कह सकती हैं।
डायलेशन एंड क्यूरेटेज को सफाई के लिए, गर्भपात के लिए, पीरियड के असामान्य होने पर, या पूरे गर्भपात नहीं होने पर किया जाता है।
डी एंड सी क्यों किया जाता है?
डी एंड सी असामान्य रक्तस्राव के लिए नैदानिक या चिकित्सीय प्रक्रिया के रूप में इस्तेमाल किया जा सकता है।
कैंसर का पता लगाने, या बांझपन (गर्भवती होने के लिए असमर्थता) की जांच के लिए भी इसे किया जा सकता है।
असामान्य या अत्यधिक गर्भाशय ब्लीडिंग का कारण पता करने के लिए भी डी एंड सी किया जा सकता है।
- असामान्य गर्भाशय रक्तस्राव का निदान या उपचार करना Treat heavy menstrual bleeding, irregular
- periods, or bleeding between periods
- कॉपर टी में An embedded intrauterine device (IUD)
- गर्भपात करने के लिए Perform a therapeutic or elective abortion
- गर्भपात के दौरान या बाद में गर्भ में ऊतक निकालने के लिए Remove tissue after a miscarriage
- गर्भाशय की लाइनिंग थिक होना Thickening of the uterus
- पोलिप Endometrial polyps
- प्रसव के बाद After Delivery
- रजोनिवृति के बाद ब्लीडिंग Bleeding after menopause
- हॉर्मोन रिप्लेसमेंट थेरपी के दौरान ब्लीडिंग Abnormal bleeding while you are on hormone replacement therapy
इन सबके आलावा भी बहुत से अन्य कारण हो सकते हैं।
असामान्य रक्तस्राव के कारणों में गर्भाशय में असामान्य ऊतकों की उपस्थिति हो सकती है, ट्यूमर (मधुमेह में विकसित होने वाले सौम्य ट्यूमर, जिसे मायोमा भी कहते हैं) पॉलीप्स, या एंडोमेट्रियम या गर्भाशय के कैंसर। डी एंड सी से प्राप्त ऊतकों को माइक्रोस्कोप के तहत जांच की जा सकती है। असामान्य ब्लीडिंग हार्मोन असंतुलन या विकार (विशेष रूप से एस्ट्रोजेन और प्रोजेस्टेरोन) के कारण हो सकता है विशेष रूप से रजोनिवृत्ति के आने या रजोनिवृत्ति के बाद।
सक्शन डी एंड सी में सक्शन के द्वारा गर्भाशय के पदार्थों को निकाल दिया जाता है। ऐसा एबॉर्शन के बाद किया जा सकता है जब गर्भाशय में नेचुरल तरीके से पदार्थ नहीं निकाले जा सके। प्रसव बाद इसे प्लेसेंटा को निकलाने के लिए किया जा सकता है।
10 वीक से कम की प्रेगनेंसी में अगर एबॉर्शन हो गया हो तो डी एंड सी की ज़रूरत नहीं होती। जब प्रेगनेंसी 10 वीक से ज्यादा की हो जाती है तो कई बार एबॉर्शन पूरा नहीं होता और डी एंड सी करना पड़ता है।
डी एंड सी के रिस्क क्या हैं?
किसी भी शल्य प्रक्रिया की तरह, इसके भी कई साइड इफ़ेक्ट हो सकते हैं। डी एंड सी के कुछ संभावित जटिलताओं में
निम्न शामिल हो सकते हैं, लेकिन इन तक सीमित नहीं हैं:
- आवरण (निशान ऊतक) गर्भाशय के अंदर विकसित होना Adhesions (scar tissue) may develop inside the uterus
- गर्भाशय की दीवार या आंत्र का छिद्र Perforation of the uterine wall or bowel
- भारी रक्तस्राव Heavy bleeding
- संक्रमण Infection
जो मरीज़ दवाओं, आयोडीन, या लेटेक्स से एलर्जी या संवेदनशील होते हैं उनके चिकित्सक को सूचित करना चाहिए। आपकी विशिष्ट चिकित्सा स्थिति के आधार पर अन्य जोखिम हो सकते हैं प्रक्रिया से पहले अपने चिकित्सक से किसी भी चिंताओं पर चर्चा करना सुनिश्चित करें। मेराअगर आपके डी एंड सी के बाद निम्न लक्षणों में से कोई भी हो तो अपने
डॉक्टर से संपर्क करना सुनिश्चित करें:
- भारी या लंबे समय तक रक्तस्राव या रक्त के थक्के
- बुखार
- दर्द
- पेट में दर्द
- योनि से बदबूदार डिस्चार्ज
डी एंड सी कैसे करते हैं? How is A D&C Procedure Performed?
डी एंड सी कराने से पहले एक सहमति फार्म पर हस्ताक्षर करने के लिए कहा जाता है जो आपकी प्रक्रिया को करने की अनुमति देता है। फ़ॉर्म को ध्यान से पढ़ें और अगर कुछ स्पष्ट नहीं है तो सवाल पूछें। इसको कराने के बाद योनि से ब्लीडिंग होती है इसलिए सैनिटरी नैपकिन का प्रयोग करना होता है।
एनेस्थीसिया जनरल होगा या स्पाइनल या एपीड्यूरल यह स्थिति पर निर्भर करता है। रीढ़ की हड्डी या एपिड्यूरल एनेस्थेसिया का उपयोग किया जाता है, तो आपको कमर से नीचे कुछ नहीं पता लगेगा। सर्जरी के दौरान एनेस्थिसियोलॉजिस्ट लगातार अपने दिल की दर, रक्तचाप, श्वास, और रक्त ऑक्सीजन स्तर की निगरानी करेगा।
डी एंड सी इस प्रक्रिया के लिए:
- आपको अस्पताल द्वारा दिया गया कपड़ा पहनने को दिया जायेगा।
- आपको मूत्राशय को खाली करने का निर्देश दिया जाएगा।
- आपको ऑपरेटिंग टेबल पर पोजीशन किया जाएगा।
- आपके बांह या हाथ में एक अंतःशिरा (IV) लाइन शुरू हो सकती ह
- एक मूत्र कैथेटर डाला जा सकता है।
- योनि की दीवारों को फैलाने के लिए गर्भाशय ग्रीवा को देखने के लिए अपनी योनि में एक स्पेकुलम नामक एक
- इंस्ट्रूमेंट डाला जाएगा।
- सर्विक्स को एंटीसेप्टिक से साफ़ किया जाएगा।
- एनेस्थीसिया दिया जाएगा।
- टेनाकुलम नामक एक इंस्ट्रूमेंट से गर्भाशय ग्रीवा को स्थिर रखने के लिए किया जा सकता है।
- गर्भाशय की लंबाई निर्धारित करने के लिए गर्भाशय ग्रीवा के अंदर uterine sound डाला जा सकता है।
- सर्विक्स को पतली रोड्स से फैलया जाएगा।
- क्यूरेट से गर्भाशय साफ़ किया जाएगा।
प्रक्रिया के बाद कुछ दिनों तक ब्लीडिंग होना सामान्य है। डी एंड सी के बाद कुछ दिनों तक आपको ऐंठन का अनुभव हो सकता है। आपको निर्देश दिया जा सकता है कि डी एंड सी के दो से तीन सप्ताह बाद तक, आप डूश, टैम्पोन का इस्तेमाल न करें, सेक्स नहीं करें और योनि में कुछ न डालें, या जब तक ब्लीडिंग नहीं रुक जाए।
- 1-2 सप्ताह बाद तक क्रेम्पिंग हो सकती है।
- अगला पीरियड जल्दी या देर से आ सकता है।
- ऐंठन या पीड़ा के लिए एक दर्द निवारक के रूप में अपने चिकित्सक द्वारा सिफारिश की दवा ही लें। एस्पिरिन
- या कुछ अन्य दर्द नाशक दवाओं से रक्तस्राव की संभावना बढ़ सकती है।
D and C (dilation and curettage) is a procedure to scrape and collect the tissue (endometrium) from inside the uterus. Dilation (D) is a widening of the cervix to allow instruments into the uterus and Curettage (C) is the scraping of the walls of the uterus. A dilation and curettage (D&C) is a procedure to remove tissue from the lining of the uterus (endometrium).
Speculum is inserted into the vagina and cervical canal is widened. Curette (a metal loop on the end of a long, thin handle) is passed through the opening into the uterus cavity to gently scrapes the inner layer of tissue, called the endometrium. The tissue is collected for examination.