गर्भावस्था के दौरान पेट दर्द होना abdominal pain during pregnancy in Hindi आम समस्या है। यह कभी साधारण कारण से हो सकती है लेकिन कभी-कभी इसके होने के कारण गंभीर हो सकते हैं। यदि कभी कभार पेट में दर्द हो रहा और साथ में कोई अन्य लक्षण नहीं है तो कोई बात नहीं। लेकिन यदि दर्द बार-बार हो रहा है, थोड़े थोड़े देर पर हो कर ठीक हो जाता है, गर्भाशय में ऐंठन हो रही हैं, योनि से डिस्चार्ज हो रहा है या चक्कर आना, पेशाब में समस्या आदि है तो तुरंत डॉक्टर से मिलना चाहिए।
गर्भावस्था, या प्रेगनेंसी pregnancy वह स्थिति है जिसमें पुरुष के शुक्र seman के लाखों शुक्र कीटों / शुक्राणु sperm में से एक स्त्री के डिम्ब या ओवा ova, egg से संयोग कर नए जीवन को शुरू करता है। यह आमतौर पर 40 सप्ताह की मानी जाती है। लेकिन ज्यादातर प्रेगनेंसी 38-39 सप्ताह तक चलती हैं। कुछ प्रतिशत मामलों में प्री टर्म डेलिवेरी भी हो जाती है।
क्या गर्भावस्था में पेट दर्द महसूस होना सामान्य है?
हाँ, गर्भावस्था के दौरान पेट दर्द हो सकता है। इसके सामान्य से लेकर गंभीर कारण हो सकते हैं।
यदि आपकी गर्भावस्था एकदम ठीक चल रही है, तो पेट दर्द होना कोई चिंता का विषय नहीं है।
गर्भावस्था में पेट दर्द के साधारण- चिंतारहित कारण क्या हो सकते हैं?
गर्भावस्था के दौरान बढ़ता हुआ गर्भ नसों, मांसपेशियों, जोड़ों और आँतों पर दबाव डालता है। पाचन की समस्या और गैस होना भी आम हो जाता है। पेशाब के ब्लैडर के दब जाने से पेशाब सम्बन्धी दिक्कतें भी होती हैं। आँतों की धीमी गति से कब्ज़ की समस्या हो सकती है। कब्ज़ होने से गैस बनती है और दर्द होने लगता है। कभी कभी यह गैस पीठ में चढ़ जाती है और नसों में खिंचाव महसूस होने लगता है।
बाद की गर्भावस्था में बच्चे के लात मारने और मूव करने से भी असुविधा होती है और खिंचाव से पेट दर्द महसूस हो सकता है।
बढ़ता हुआ पेट और वज़न शरीर के लिगामेंट पर दबाव डालता है और चलने फिरने से खिंचाव होने पर दर्द हो सकता है।
जैसे जैसे एक्सपेक्टेड डिलीवरी डेट नजदीक आती है महिला को पेट में कुछ देर के दर्द होता है जो फिर ठीक हो जाता है। ऐसा दर्द बार-बार आता और जाता रहता है। इसे ब्रैक्सटन हिक्स braxton hicks contractions संकुचन कहा जाता है। यह गर्भाशय के संकुचन से होता है।
गर्भावस्था के दौरान पेट में दर्द होने पर गंभीर समस्याएं क्या हो सकती हैं?
गर्भावस्था के दौरान कभी-कभी पेट का दर्द गंभीर समस्या का लक्षण हो सकता है:
गर्भपात Miscarriage
गर्भपात पहली 20 हफ्तों में गर्भावस्था का नष्ट होना है। योनि से स्पोटिंग होना या ब्लीडिंग होना आम तौर पर इसका पहला लक्षण होता है। पेट में दर्द के कुछ घंटों से लेकर कुछ दिनों तक हो सकता है।
अस्थानिक गर्भावस्था Ectopic pregnancy
अस्थानिक गर्भावस्था में प्रेगनेंसी गर्भाशय के बाहर होती है, सामान्यतः फैलोपियन ट्यूबों में से एक में। इसमें प्रारंभिक गर्भावस्था में कुछ ऐंठन-दर्द तथा अन्य लक्षण हो सकते हैं। एक्टोपिक गर्भधारण से जान जा सकती है यदि उपचार न किया जाए। यदि आपको निम्नलिखित लक्षणों में से कोई भी हो तो तत्काल डॉक्टर को दिखाएँ:
- पेट या पैल्विक दर्द या छूने पर दर्द
- योनि से रक्तस्राव (लाल या भूरे, प्रचुर या अल्प, निरंतर या आंतरायिक हो सकता है
- दर्द जो शारीरिक क्रियाकलाप के दौरान खराब हो जाता है या जब आपके कंधे में दर्द या खांसी में दर्द होता है
समय से पहले प्रसव Premature labor
गर्भावस्था के 37 सप्ताह से पहले लेबर शुरू हो सकता है और इसका भी लक्षण पेट में दर्द है।
प्लेसेंटा का टूट जाना Placental abruption
यह एक गंभीर स्थिति है जिसमें प्लेसेंटा गर्भाशय से अलग होना शुरू हो जाता है। प्लेसेंटा से ही बच्चा माँ से जुड़ा होता है और इसमें दिक्कत होने से बच्चे के लिए गंभीर समस्या हो सकती है।
पेशाब का संक्रमण Urinary tract infections
गर्भावस्था के दौरान पेशाब का संक्रमण होने से दर्द हो सकता है। मूत्राशय के संक्रमण के लक्षणों में दर्द, असुविधा, या पेशाब में जलन शामिल हो सकता है। पैल्विक असुविधा या निचले पेट में दर्द
मूत्राशय में बहुत कम मूत्र होने के बावजूद पेशाब होने की इच्छापेशाब का असामान्य दिखना इसके अन्य लक्षण हैं।
अन्य कारण
कई अन्य स्थितियों में पेट दर्द की समस्या हो सकती है जैसे, stomach virus, food poisoning, appendicitis, kidney stones, hepatitis, gallbladder disease, pancreatitis, fibroids, and bowel obstruction आदि।
गर्भावस्था में पेट दर्द हो तो क्या करना चाहिए?
गर्भावस्था में पेट दर्द होने पर उसके कारण हो जानने की कोशिश करें। यदि कब्ज़ है तो परेशान नहीं हो। पानी ज्यादा पियें और सलाद-फल अच्छे से धोकर खाएं। रात को सोते समय इसबगोल की भूसी को पर्याप्त मात्रा में पानी के साथ लें।
यदि गैस है, ब्लड प्रेशर की समस्या नहीं है तो इनो ले सकती हैं।
प्रसव की डेट के आस-पास हैं, तो जब भी दर्द हो, तो आराम से बिस्तर पर लेट जाएँ। जिस तरफ दर्द हो रहा हो, उसके दूसरी तरफ होकर लेट जाएं और आराम करें।
यदि आप समझ नहीं पा रही और दर्द बार-बार होता हो तो डॉक्टर को दिखाएँ और सही राय प्राप्त करें।