गर्भावस्था के शुरू में खून आना (प्रेगनेंसी में ब्लीडिंग) सामान्य हो सकता है। इसके कई बार कारण बहुत ही सामान्य होते हैं लेकिन कई बार यह गर्भपात की शुरुआत हो सकता है।
गर्भावस्था के शुरूआती कुछ सप्ताह में ब्लीडिंग होना बहुत कॉमन है। यह लगभग हर चार में से एक प्रेगनेंसी में देखी जाती है। ब्लीडिंग कम या ज्यादा, क्लॉट या बिना क्लॉट के साथ हो सकती है। ब्लीडिंग दर्द के साथ या बिना दर्द के हो सकती है। यह ब्लीडिंग क्यों हो रही है ऐसा हमेशा पता लगा पाना संभव नहीं हो पाता।
गर्भावस्था पता लगने के कुछ दिनों बाद होने वाली प्रेगनेंसी में ब्लीडिंग का कारण इम्प्लांटेशन ब्लीडिंग implantation bleeding हो सकती है। इम्प्लांटेशन ब्लीडिंग, का मतलब है, वह ब्लीडिंग जोकि भ्रूण के गर्भाशय की लाइनिंग में स्थापित होने से हो रही है।
ज्यादातर महिलायों में प्रेगनेंसी में ब्लीडिंग होने से कोई नुकसान नहीं होता। उनकी प्रेगनेंसी ठीक तरह से चलती रहती है और स्वस्थ्य बच्चे का जन्म होता है। स्पॉटिंग का मतलब है पैंटी पर भूरा-लाल धब्बा लग जाना जो अक्सर टॉयलेट जाने का बाद होता है। प्रेगनेंसी में ब्लीडिंग का मतलब है योनि से खून जाना जो पीरियड जैसी ब्लीडिंग जैसी दिख सकती है और इसके लिए पैड लगाने पड़ सकते हैं।
कुछ महिलाओं में गर्भावस्था के शुरू में खून आने (ब्लीडिंग) के बाद गर्भपात हो सकता है। यह गर्भपात भ्रूण के सही से न बढ़ने, जीन की समस्या, क्रोमोसोमल डिफेक्ट, सर्विक्स का कमजोर होना, इन्फेक्शन, हॉर्मोन के कम होने, एक्टोपिक प्रेगनेंसी या अन्य किसी कारण से हो सकता है। अपने आप गर्भपात शुरू के 12 सप्ताह में हो सकता है। बच्चे का विकास एक जटिल प्रक्रिया है और कहीं भी होने वाली गड़बड़ गर्भपात में बदल सकती है।
कुछ मामलों में प्रेगनेंसी में ब्लीडिंग का कारण अस्थानिक या एक्टोपिक प्रेगनेंसी ectopic pregancy हो सकता है। एक्टोपिक प्रेगनेंसी में प्रेगनेंसी गर्भाशय में न होकर फैलोपियन ट्यूब में हो सकती है। एक्टोपिक प्रेगनेंसी के मामले में पेट में दर्द, चक्कर आना, शरीर में दर्द आदि लक्षण हो सकते हैं। यदि मामला एक्टोपिक प्रेगनेंसी का हो तो स्त्री रोग विशेषज्ञ से तुरंत मिलना चाहिए।
अगर किसी महिला का गर्भपात होने वाला है तो डॉक्टर भी इसे नहीं रोक सकते। ऐसी कोई दवा नहीं है जो इस स्थिति का ट्रीटमेंट कर दे और गर्भपात को रोक दे। यह स्थिति महिला और उसके परिवार के लिए बहुत स्ट्रेसफुल हो सकती है लेकिन इसका कुछ किया नहीं जा सकता।
गर्भावस्था के शुरू में खून बहने के क्या कारण हो सकते हैं?
पहली तिमाही में रक्त स्राव हमेशा एक समस्या नहीं है। इसके कारण हो सकते है:
- सेक्स करना
- संक्रमण
- गर्भाशय में भ्रूण का प्रत्यारोपित होना
- हार्मोन में परिवर्तन
- पोलिप
प्रेगनेंसी में ब्लीडिंग के अधिक गंभीर कारणों में शामिल हैं:
- गर्भपात: लगभग उन सभी महिलाओं में जिन्हें गर्भपात होता है में पहले ब्लीडिंग होती है।
- अस्थानिक गर्भावस्था: जिसके कारण रक्तस्राव और ऐंठन हो सकता है।
- सर्विक्स का कमजोर होना।
- मोलर प्रेगनेंसी: निषेचित अंडे में सही से विकास little or no growth of the fetal tissue नहीं होता।
गर्भावस्था के शुरू में खून बहने (ब्लीडिंग होने) लगे तो कौन से टेस्ट किए जा सकते हैं?
यदि गर्भावस्था के बारे में पता लगने के कुछ दिनों के बाद ही ब्लीडिंग शुरू हो गई तो डॉक्टर से मिलना चाहिए। डॉक्टर दर्द तथा अन्य लक्षणों के लिए आपको दवा दे सकते हैं। यदि आपको बहुत अधिक प्रेगनेंसी में ब्लीडिंग हो रही है, दर्द है या चक्कर आ रहें हैं, तो डॉक्टर को तुरंत बताएं। हो सकता है प्रेगनेंसी ट्यूब में हो या शरीर में खून की ज्यादा कमी हो गई हो।
डॉक्टर ब्लड ग्रुप, प्रेगनेंसी के दौरान किये जाने वाले सामान्य टेस्ट और अल्ट्रासाउंड के लिए कह सकते हैं।
- ब्लड टेस्ट blood tests
- अल्ट्रासाउंड ultrasound scan
- योनि का निरिक्षण vaginal examination
ब्लड टेस्ट के जरिए खून में प्रेगनेंसी हॉर्मोन के लेवल को भी जांचा जा सकता है। यदि महिला का ब्लड ग्रुप आरएच नेगेटिव Rhesus (Rh) negative है, तो इंजेक्शन anti-D immunoglobulin लगवाने की सलाह दी जाती है जिससे आर एच फैक्टर के कारण आगे होने वाली प्रेगनेंसी में दिक्कत नहीं हो।
अल्ट्रासाउंड के द्वारा भ्रूण को देखा जाता है। कई बार अल्ट्रासाउंड बाहर से न करके, योनि के अंदर एक पतले प्रोब small slender probe को डाल कर स्कैन किया जा सकता है। इसे ट्रांसवेजाइनल अल्ट्रासाउंड स्कैन transvaginal ultrasound कहते हैं।
यह अल्ट्रासाउंड तुरंत ही या कुछ दिनों के बाद किया जा सकता है।
योनि का एग्जामिनेशन करके गर्भाशय ग्रीवा और प्रेगनेंसी में ब्लीडिंग की मात्रा को देखा जा सकता है। इसके लिए स्पेकुलम से योनि को चौड़ा किया जा सकता है जिसमें कुछ दर्द हो सकता है।
प्रेगनेंसी के दौरान पोलिप होना बहुत कॉमन है। पोलिप के कारण प्रेगनेंसी में ब्लीडिंग होने पर भी कोई इलाज़ नही किया जाता।
मेडिकल भाषा में पोलिप, बॉडी सेल्स की असामान्य ग्रोथ को कहते हैं। यह म्यूकस झिल्ली से बाहर की और निकली हुई संरचना होती है। अक्सर यह नीचे पतले और लम्बे तने की तरह उतकों से जुड़ी होती है। जब पोलिप सर्विक्स या गर्भाशय की ग्रीवा में होते हैं तो इन्हें सर्वाइकल पोलिप Cervical Polyps, Polyp of Cervix कहते हैं। सरवाइकल पॉलीप्स देखने में उंगली के समान होते हैं और कई बार सर्वाइकल कैनाल से बाहर की और निकलते हैं और योनि के बाहर भी प्रोजेक्ट हो सकते हैं।
सरवाइकल पॉलिप होने पर, योनि से स्पॉटिंग या ब्लीडिंग हो सकती है। यह ब्लीडिंग हल्के से भारी लग सकती है। पेशाब या स्टूल करते समय यह ब्लीडिंग दबाव से बढ़ जाती है। डॉक्टर पहली तिमाही में इसे हटाने के लिए नहीं कहते। वे केवल आराम करने और सेक्स न करने की सलाह देते हैं। गर्भावस्था जैसे जैसे आगे बढ़ती है, यह पॉलिप अपने आप गायब भी हो जाते हैं।
गर्भावस्था के शुरू में खून बहने का ट्रीटमेंट क्या है?
गर्भावस्था के शुरू में ब्लीडिंग होने का कोई इलाज़ नहीं है। डॉक्टर कुछ मामलों में Human chorionic gonadotropin (hCG) therapy की जा सकती है।
ऐसा कोई तरीका नहीं है जोकि अपने आप होने वाले गर्भपात को रोक सके। फीटस में किसी भी तरह की अबनोर्मलिटी होने पर गर्भपात हो सकता है।
डॉक्टर आपको कुछ निर्देश दे सकते हैं, जैसे:
- बेड रेस्ट करें।
- सीधे लेतें और नितम्बों के नीचे तकिया रखें जिससे गर्भाशय ऊँचा रहे।
- ब्लीडिंग के लिए पैड का प्रयोग करें।
- टैम्पोन का उपयोग नहीं करें।
- सेक्स नहीं करें।
- योनि को अंदर से नहीं धोएं।
- दर्द है तो पैरासिटामोल ले सकते हैं। ब्रुफेन या डाइक्लोनेफैक नहीं लें।
- यदि दर्द बढ़ता है या बुखार आता है तो डॉक्टर से तुरंत संपर्क करें।
- बहुत भारी रक्तस्राव को अस्पताल में रहने या सर्जिकल प्रक्रिया की आवश्यकता हो सकती है।
गर्भावस्था के शुरू खून बहने के कुछ दिनों बाद रूक जाती है। यह कुछ सप्ताह तक भी जारी रह सकती है। फिर कम होते होते बिलकुल बंद हो जाती है और गर्भावस्था नॉर्मली आगे बढ़ती है और स्वस्थ्य बच्चे का जन्म होता है।
कुछ मामलों में प्रेगनेंसी में ब्लीडिंग घटने के बजाए बढ़ जाती है और गर्भपात हो जाता है। इस तरह से हुआ गर्भपात कुछ मामलों में अपनेआप पूरा हो जाता है और कोई विशेष इलाज़ नहीं कराना होता। लेकिन कुछ में समस्या हो सकती है और गर्भाशय में टिश्यू रह सकते हैं जिससे ब्लीडिंग काफी ज्यादा हो सकती है। डॉक्टर ऐसे केसेस में डी एंड सी D and C की सलाह दे सकते हैं।
Vaginal bleeding in early pregnancy, is very common. About one in every 4-pregnant woman suffer from this condition. In this condition, there is period like discharge of blood from the vagina for few days to few weeks.
Vaginal bleeding in starting of pregnancy can be harmless or it may signal starting of miscarriage.
In case of vaginal bleeding, it is important to consult doctor to know the cause. An ultrasound can tell about the location of pregnancy such as normal or ectopic. In ectopic pregnancy the fertilized egg develops outside the uterus. If this happens inside fallopian tube, it can damage the tube. Most of the time, the treatment for bleeding is rest. There is no medicine to stop miscarriage.