अमेरिकी संस्था CDC(सीडीसी) का अनुमान है कि संयुक्त राज्य में पैदा हुए हर 33 शिशुओं में से 1 में जन्म दोष है।
किसी भी गर्भावस्था के दौरान जन्म दोष (Birth Defects) हो सकते हैं, लेकिन कुछ प्रेगनेंसी में अन्य लोगों की तुलना में अधिक जोखिम होता है। निम्न स्थितियों में गर्भवती महिलाओं को जन्म दोष के साथ बच्चा होने का ज्यादा खतरा होता है। इन महिलाओं में बर्थ डिफेक्ट होते का ज्यादा खतरा रहता है:
फोलिक एसिड का अभाव (Lack of folic acid): गर्भवती महिलाएं या गर्भवती होने वाली महिलाओं को neural tube defects (NTDs) को रोकने के लिए प्रत्येक दिन 400 माइक्रोग्राम फोलिक एसिड लेना चाहिए। सर्वे के मुताबिक, हर 5 महिलाओं में प्रसव उम्र की केवल 2 ही महिलाएं हर दिन फोलिक एसिड लेती हैं।
शराब पीना (Drinking alcohol): गर्भावस्था के दौरान शराब पीने से जन्म दोषों सहित कई तरह की समस्याएं हो सकती हैं। उदाहरण के लिए, शराब के प्रयोग से भ्रूण में अल्कोहल सिंड्रोम हो सकता है, जिससे शारीरिक चुनौतियां, और व्यवहार संबंधी समस्याएं होती हैं। गर्भावस्था के दौरान शराब की खपत का कोई सुरक्षित स्तर नहीं है। इन समस्याओं को फीटल अल्कोहल स्पेक्ट्रम डिसऑर्डर Fetal Alcohol Spectrum Disorders or FASD कहते हैं। समस्या कितनी होगी यह शराब की पी गई मात्रा तथा अन्य फैक्टर्स पर निर्भर है। सभी बच्चों में एक समान डिफेक्ट तो नहीं देखे जाते लेकिन सभी में कुछ न कुछ डिफेक्ट हो सकते हैं।
पूरे गर्भावस्था के दौरान बच्चे के मस्तिष्क का विकास होता है गर्भावस्था के दौरान किसी भी समय शराब पीने से बच्चे के विकासशील मस्तिष्क को संभावित रूप से नुकसान पहुंचा सकता है, जो सोच और सीखने के साथ आजीवन कठिनाइयों और एडीएचडी जैसे व्यवहार संबंधी समस्याएं पैदा करता है।
सिगरेट पीना (Smoking cigarettes): गर्भावस्था के दौरान सिगरेट पीने से कई तरह की समस्याएं हो सकती हैं, जैसे कि अस्थमा जैसे फेफड़े के मामले। साक्ष्य से यह पता चलता है कि हृदय और आंतों की समस्याओं के साथ कुछ जन्म दोष भी गर्भावस्था के दौरान धूम्रपान के कारण होते हैं। इसके अलावा, गर्भावस्था के दौरान धूम्रपान करने वाले माताओं के शिशुओं को अचानक शिशु मृत्यु सिंड्रोम sudden infant death syndrome (SIDS) का अधिक खतरा होता है।
प्रतिबन्धित ड्रग्स का प्रयोग (Using drugs): गर्भावस्था के दौरान ड्रग्स का उपयोग आईडीडी और व्यवहार समस्याओं सहित विभिन्न जन्म दोषों के खतरे को बढ़ा सकता है। उदाहरण के लिए, गर्भधारण के दौरान कोकेन का उपयोग करने से जोखिम बढ़ जाता है कि शिशु के हाँथ और पैर, मूत्र प्रणाली और हृदय के संरचनात्मक जन्म दोषों के साथ पैदा होगा।
दवा का इस्तेमाल (Medication use): कुछ दवाएं ऐसी हैं जो अगर गर्भावस्था के दौरान ली जाएँ तो उनसे होने वाले बच्चे में जन्म दोष हो सकता है। थैलिडोमाइड, जो वर्तमान में कुछ कैंसर और अन्य गंभीर परिस्थितियों के इलाज के लिए प्रयोग किया जाता है, को एक बार मोर्निंग सिकनेस के उपचार के लिए बेच दिया गया था जब तक कि यह पता नहीं चला कि इससे गंभीर जन्म दोष हो रहे हैं। जिन शिशुओं की माताओं ने थैलिडोमाइड ले लिया था, उनमें कई तरह की संरचनात्मक और कार्यात्मक समस्याएं थीं, जिनमें मिसपेपेन कान और छोटे अंग शामिल थे। गर्भवती महिलाएं या गर्भवती होने वाली महिलाओं को उनके डॉक्टर के साथ सभी दवाओं और कॉम्प्लिमेंटरी चीजों के बारे में बात करना चाहिए।
संक्रमण (Infections): जिन महिलाओं को गर्भावस्था के दौरान कुछ संक्रमण होते हैं उनको बच्चे के जन्म दोषों के लिए अधिक खतरा होता है। जन्म के दोषों से जुड़े कुछ अधिक आम संक्रमणों में साइटोमैग्लोवायरस (Cytomegalovirus ), एक बहुत सामान्य वायरस है जो की बॉडी के किसी भी हिस्से में तरल में हो सकता है जो की किसी को छूने से फ़ैल सकता है जैसे की किस करना, बरतन और सेक्सुअल कांटेक्ट। सामान्य तौर पर इस वायरस से कोई दिक्कत नहीं होती है लेकिन अगर यह किसी को एक बार संक्रमित कर देता है तो फिर पूरे जीवन उसके शरीर में रहत है। गर्भवती महिलाओं को ज्यदातर समय इसके इन्फेक्शन का पता नहीं रहता है जिससे यह भ्रूण को भी इन्फेक्ट कर सकता है। ज्यादातर शिशुओं में CMV इन्फेक्शन के कोई लक्षण नहीं होते है और इससे उन्हें कोई स्वास्थ्य समस्या नहीं होती है। लेकिन कुछ शिशुओं में इसकी वजह से बहरापन और अंधापन हो सकता है या फिर उनके दिमाग की विकाश ठीक से नहीं हो पता है। CMV इन्फेक्शन को ब्लड या लार के टेस्ट करके पता लगाया जा सकता है और एंटीवायरल दवाओं से इसके असर को कम किया जा सकता है। यह एक परजीवी संक्रमण जो कि बिल्ली के मल, कच्चे मांस और दूषित भोजन और पानी के साथ संपर्क के माध्यम से फैलता है।
मोटापा या अनियंत्रित मधुमेह (Obesity or uncontrolled diabetes): हाल ही में एक शोध में पाया गया कि नवजात हृदय संबंधी दोषों का खतरा मातृ मोटापे के साथ बढ़ता है। एक डॉक्टर द्वारा उल्लिखित उपचार योजना का पालन करके गर्भावधि मधुमेह का प्रबंधन किया जाता है जो गर्भावस्था के दौरान उच्च रक्त शर्करा से जुड़ी समस्याओं को कम करने या रोकने का सबसे अच्छा तरीका है। यदि इसे नियंत्रित नहीं किया जाता है, तो यह प्रीक्लम्पसिया से उच्च रक्तचाप का खतरा बढ़ा देता है और एक बड़े शिशु को विकसित कर सकता है, जिससे सिजेरियन डिलीवरी का खतरा बढ़ जाता है।
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