टेस्टिकुलर टॉर्जन Testicular Torsion Information, Symptoms and Treatment in Hindi

टेस्टिकुलर टॉर्जन होने के कई कारण हैं जिसमें से चोट लगना, संयोजी ऊतक में दोष, भारी व्यायाम आदि प्रमुख हैं। शिशु के पहले वर्ष और किशोरावस्था (यौवन) की शुरुआत में स्थिति अधिक आम है। हालांकि, यह वृद्ध पुरुषों में हो सकता है।

टेस्टिकुलर टॉर्जन में टेस्टिकल में मौजूद स्पर्मेटिक कॉर्ड मुड़ जाती है। स्पर्मेटिक कॉर्ड, टेस्टिकल को स्क्रोटम में सपोर्ट करती और ब्लड सप्लाई करती है। इसके मुड़ जाने से टेस्टिस में तेज दर्द होता है। ऐसा होने पर टेस्टिकल में और स्क्रोटम के आस-पास के उतकों में खून का दौरा रुक जाता है।

टेस्टिकुलर टॉर्जन होने के कई कारण हैं जिसमें से चोट लगना, संयोजी ऊतक में दोष, भारी व्यायाम आदि प्रमुख हैं। शिशु के पहले वर्ष और किशोरावस्था (यौवन) की शुरुआत में स्थिति अधिक आम है। हालांकि, यह वृद्ध पुरुषों में हो सकता है।

वृषण में अचानक गंभीर दर्द, वृषण के अंदर सूजन, वीर्य में रक्त, उलटी अथवा मितली, चक्कर आना, सामान्य से अधिक उंचाई पर अंडकोश, टेस्टिकुलर टॉर्जन के लक्षण है। वृषण के लिए चोट से बचने के लिए कदम उठाएं। कई मामलों को रोका नहीं जा सकता।

ज्यादातर समय, समस्या को ठीक करने के लिए सर्जरी की आवश्यकता होती है। लक्षणों की शुरुआत के बाद जितनी जल्दी हो सके सर्जरी की जानी चाहिए। यदि यह 6 घंटों के भीतर किया जाता है, तो अधिकांश अंडकोष को बचाया जा सकता है। वृषण 6 घंटे से अधिक समय तक इस स्थिति में रहे तो यह कार्य करने की अपनी क्षमता खो सकता है और इसे हटाने की ज़रूरत हो जाती है।

अगर आपको संदेह है कि आप या आपके बच्चे को टेस्टीकुलर टॉर्सन है तो घरेलू उपचार या दवाओं पर समय व्यर्थ नहीं करें। तत्काल आपातकालीन चिकित्सा में दिखाएँ। टेस्टिक्युलर टॉर्सन सर्जरी अत्यधिक प्रभावी है अगर इसे जल्दी करवा लिया जाए।

टेस्टिकुलर टॉर्जन के अन्य नाम क्या हैं?

  • टेस्टिकुलर टॉर्सन
  • अंडकोष मरोड़
  • टेस्टिकुलर टोरज़न
  • Torsion of the testis
  • Testicular ischemia
  • Testicular twisting

टेस्टिकुलर टॉर्सन क्या है?

टेस्टिक्यूलर टोरज़न पुरुषों में होने वाली इमरजेंसी की और बहुत ही दर्दनाक मेडिकल कंडीशन है। यह एक यूरोलॉजिक इमरजेंसी की स्थिति हैं जोकि टेस्टिकल में बहुत अधिक दर्द के कारण होती है। टेस्टीकल्यूलर टॉर्सन में पुरुष के टेस्टिकल में दर्द होता है।

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पुरुषों के स्पर्म का उत्पादन करने वाले ऑर्गन को टेस्टिस, फ़ोता, शुक्र ग्रन्थि, टेस्टाकुलस, अंडकोष या वीर्यकोष कहते हैं। Testes (singular: testis),दो कोमल और अंडाकार, बॉल जैसी संरचनाएं जोड़ी में होते हैं। यह उदर गुहा के बाहर एक थैलीनुमा सैक में लटके हुए होते हैं जिसे वृषणकोष या सक्रोटम या स्क्रोटल सैक Scrotal sac कहते हैं। वृषणकोष या सक्रोटम, शरीर के कुछ दूरी पर टांगों के बीच और पेनिस के आधार पर जुड़ता है।

टेस्टिकल को खून पहुंचाने वाली ब्लड वेसेल को स्पर्मेटिक कॉर्ड कहते हैं। स्पर्मेटिक कॉर्ड की संरचना ट्यूबलर होती है और दोनों टेस्टिकल के लिए अलग अलग होती है। प्रत्येक कॉर्ड में कंनेक्टिव टिश्यू होते हैं और भीतर से इनमें धमनियों, नसों, का नेटवर्क होता हैं जो डक्टस डिफरेंस के पहले भाग से जुड़ता है, जिसके माध्यम से स्खलन की प्रक्रिया में शुक्राणु शरीर के बाहर जाता है।

टेस्टिक्यूलर टॉर्सन में पुरुष स्पर्मेटिक कॉर्ड में मरोड़ का अनुभव करता है। इससे टेस्टिकल में जा रहा रक्त सीधे प्रभावित हो जाता है।

टेस्टिक्यूलर टॉर्सन कितना आम है?

  • यह स्थिति बहुत कॉमन नहीं है।
  • यह केवल 4,000 युवकों में 1 को प्रभावित करता है। किशोरावस्था में टॉर्सन सबसे आम है हालांकि, बड़ी उम्र के पुरुषों और शिशु लड़कों को भी यह प्रभावित कर सकता है।
  • टेस्टिक्युलर टॉर्सन आमतौर पर केवल एक वृषण में होता है द्विपक्षीय मरोड़, जब दोनों टेस्टेस एक साथ प्रभावित होते हैं, अत्यंत दुर्लभ है।

टेस्टिक्यूलर टॉर्सन क्यों होता है?

टेस्टिक्यूलर टॉर्सन कभी भी हो सकता है। टेस्टिक्यूलर मरोड़ तब हो सकता है जब कोई व्यक्ति सो रहा हो या जब वह शारीरिक गतिविधि में संलग्न हो। खेल की चोटों के कारण वृषण का मरोड़ हो सकता है।

बेल क्लैपर विकृति

कुछ पुरुषों में ऐसा होने की दूसरों की तुलना में अधिक संभावना होती है। ऐसा उनमें संयोजी ऊतक (अंग्रेजी: Connective Tissue) टिश्यू की समस्या से हो सकता है।

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संयोजी ऊतक या कनेक्टिव टिश्यू मानव शरीर में एक अंग को दूसरे अंग से जोड़ने का कार्य करते हैं। यह टिश्यू का एक विस्तृत समूह है। संयोजी ऊतकों का मुख्य काम जोड़ना है, अंगों को ढके रखना है तथा उन्हें सही स्थान पर बनाए रखना है। संयोजी ऊतक शरीर को एक ढांचा प्रदान करते हैं।

वृषण, अंडकोश की थैली के अंदर आसानी से हिलडुल नहीं सकते। आसपास के संयोजी ऊतक इन्हें मजबूती से सपोर्ट करते हैं। लेकिन कुछ पुरुषों और लड़कों में यह संयोजी ऊतक कमजोर होते हैं। इस विकृति को बेल क्लैपर विकृति कहा जाता है।

बेल क्लैपर विकृति से अंडकोष थैली में अधिक आसानी से हिलडुल सकते हैं। इस गति से स्पर्मेटिक कॉर्ड में मरोड़ हो सकती है।

चोट के बाद

टेस्टिक्यूलर टॉर्सन चोट के बाद भी हो सकता है ।

प्युबर्टी के दौरान

यौवन के दौरान तेजी से टेस्टिकुलर वृद्धि के कारण भी यह स्थिति हो सकती है।

टेस्टिक्यूलर टॉर्सन के लक्षण क्या हैं?

Symptoms of Testicular Torsion

वृषणकोष या सक्रोटम या स्क्रोटल सैक Scrotal sac में दर्द और सूजन इसका मुख्य लक्षण हैं।

दर्द की शुरुआत अचानक हो सकती है, और दर्द गंभीर हो सकता है। सूजन सिर्फ एक तरफ तक सीमित हो सकती है, या यह पूरे अंडकोश में हो सकती है। एक वृषण दूसरे से अधिक है ऊपर लग सकता है।

  • चक्कर आना dizziness
  • जी मिचलाना nausea
  • उल्टी vomiting
  • स्क्रोल थैली में ढक्कन lumps in the scrotal sac
  • वीर्य में रक्त blood in the semen

गंभीर वृषण दर्द के अन्य संभावित कारण हैं, जैसे एपिडीडिमिटिस , लेकिन आपको इन लक्षणों को गंभीरता से लेना चाहिए और आपातकालीन उपचार की तलाश करना चाहिए।

टेस्टिक्युलर टॉर्सन का निदान कैसे किया जाता है? इसके लिए कौन से टेस्ट हैं?

टेस्ट का उपयोग मरोड़ के निदान के लिए किया जा सकता है इसमें शामिल है:

  • शारीरिक परीक्षा physical exam
  • मूत्र परीक्षण , जो संक्रमण की जांच करते हैं urine tests, which look for infection
  • अंडकोष की इमेजिंग imaging of the scrotum
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शारीरिक परीक्षा के दौरान, आपका डॉक्टर सूजन के लिए आपकी अंडकोश की जांच करेगा। वे आपकी जांघ के अंदर पिंच भी कर सकते हैं। आम तौर पर ऐसे पिंच करने से अंडकोष सिकुड़ जाते हैं। लेकिन टॉर्सन होने पर यह नहीं होता।

वृषण का अल्ट्रासाउंड करवाने से पता चलता है कि अंडकोष में खून का प्रवाह कैसे हो रहा है। अगर यह सामान्य से कम है, तो आप मरोड़ से पीड़ित हो सकते हैं।

संक्रमण का पता लगाने के लिए मूत्र परीक्षण का उपयोग किया जाता है।Scrotal ultrasound अल्ट्रासाउंड का उपयोग रक्त प्रवाह को रोकने के लिए किया जाता है। वृषण में रक्त प्रवाह में कमी वृषण मरोड़ का एक संकेत है। लेकिन अल्ट्रासाउंड हमेशा कम रक्त के प्रवाह का पता नहीं लगाता है।यदि आपको कई घंटों से दर्द हो रहा है और शारीरिक परीक्षा से टेस्टिकुलर टॉर्जन का पता चलता है, तो आपको बिना किसी अतिरिक्त परीक्षण के सर्जरी में सीधे ले जाया जा सकता है। देरी करने वाली सर्जरी के परिणामस्वरूप अंडकोष को नुकसान हो सकता है।

टेस्टिकुलर टॉर्जन का इलाज़ क्या है?

वृषणों की टॉर्सन एक चिकित्सा आपातकालीन स्थिति है। तेज वृषण दर्द को नज़रअंदाज नहीं करें और चिकित्सा प्राप्त करें।

सर्जिकल ट्रीटमेंट

सर्जिकल ट्रीटमेंट आमतौर पर वृषण मरोड़ का इलाज करने के लिए आवश्यक है। दुर्लभ मामलों में, डॉक्टर हाथ से स्पर्मेटिक कॉर्ड उतारने में सक्षम हो सकता है। इस प्रक्रिया को मैनुअल डीटोरज़न कहा जाता है।

जितनी जल्दी हो सके सर्जरी को किया जाता है। क्योंकि यदि छह से अधिक घंटे रक्तप्रवाह टेस्टिकल इमं खून का दौरा रुक जाता हैं तो टेस्टिकल के ऊतक मर सकते हैं । ऐसे में तब टेस्टिकल को ही हटाना पड़ जाता है। अंडग्रंथि निकालने की शल्यक्रिया को ऑर्कीएक्टमी orchiectomy कहते हैं। टेस्टिकल से ही पुरुष में टेस्टोस्टेरोन का उत्पादन होता हैं और शुक्राणुओं का निर्माण होता है। टेस्टिकल निकाल देने से पुरुष में बच्चा पैदा करने की क्षमता सीधे प्रभावित हो जाती है। इससे हार्मोन उत्पादन और शुक्राणुओं की संख्या कम हो जाती है। यदि शरीर मस्तिष्क की वजह से शुक्राणु विरोधी एंटीबॉडी बनाना शुरू कर देता है, तो यह शुक्राणु गतिशीलता (शुक्राणुओं को स्थानांतरित करने की क्षमता) को भी कम कर सकता है।

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इसलिए डॉक्टर को तुरंत दिखाना और उपचार कराना ज़रूरी है।

सर्जिकल ट्रीटमेंट को जनरल एनेस्थीसिया के तहत किया जाता है। एनेस्थीसिया के प्रभाव में डॉक्टर आपके अंडकोश में एक छोटा चीरा बनायेगा और स्पर्मेटिक कॉर्ड को सीधा कर देगा।  सर्जन फिर टाँके के साथ चीरा बंद कर देता है।

यदि टेस्टिकुलर टॉर्जन का इलाज़ , दर्द के शुरू होने के छह घंटों के भीतर करवा लिया जाता है तो 95 प्रतिशत पुरुषों में वृषण हटाने की आवश्यकता नहीं होती है।

हालांकि, अनुमानित 90 प्रतिशत पुरुषों में वृषण को शल्यक्रिया को हटाने की आवश्यकता होती है क्योंकि वे दर्द के शुरू होने के 48 घंटों या उससे अधिक समय बाद डॉक्टर के पास जाते हैं। इसलिए यदि कोई आदमी टेस्टिकल में दर्द का अनुभाव कर रहा है तो उसे डॉक्टर से तुरंत कंसल्ट करना चाहिए।

Testicular torsion is rotation of testicle causing twisting of spermatic cord. The reduced blood flow causes sudden and often severe pain and swelling.

Testicular torsion requires emergency surgery. If treated quickly, the testicle can usually be saved. But when blood flow has been cut off for too long, a testicle might become so badly damaged that it has to be removed.

Seek emergency care for sudden or severe testicle pain.

Seek medical help in case of sudden testicle pain that goes away without treatment. This can occur when a testicle twists and then untwists on its own (intermittent torsion and detorsion).

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