सेक्स इंसान की ज़रूरत है। लेकिन इसका सुरक्षित भी होना ज़रूरी है। एक बार के असुरक्षित यौन संबंध से आपका जीवन पूरी तरह से बदल सकता है। यह आपको प्रेग्नेंट कर सकता है या जीवन भर के लिए न ठीक हो सकने वाली कोई बीमारी दे सकता है।
आजकल समाज में अधिक खुलापन आ गया है। कई लोगों से शरीरिक संबंध रखना कुछ लोग फैशन और आधुनिकता समझते हैं। पर यह नैतिकता और स्वास्थ्य दोनों हो दृष्टि से गलत है। इसी का परिणाम है कि समाज में रति रोग जैसे की सिफलिस, हर्पिस, गोनोरिया, एचआईवी जैसे संक्रमण बढ़ गए हैं। पहले तो यह जाने और माने कि शादी से पहले इस तरह से सम्बन्ध बनाना आपके भविष्य को नष्ट कर सकता है, इसलिए विवाह से पहले इस तरह के संबंधों को न बनाएं। सेक्स रोगों से बचने का सबसे अच्छा तरीका है सेक्स ही न किया जाए या किया भी जाए तो केवल एक ही समर्पित पार्टनर से जो कि आपका पति या पत्नी है।
इस पेज पर कुछ उपयोगी जानकारी दी गईं हैं जोकि आपको यह जानने में मदद करती हैं कि सेफ सेक्स कैसे करें। यह ध्यान रखें, कि कोई भी तरीका आपकों यौन संचारित रोग से 100 % प्रोटेक्शन नहीं दे सकता। यह तरीके आपको अनचाहे गर्भ को रोकने से बचाने में अधिक सहयोगी हैं।
- छूने से या किस करने से प्रेगनेंसी नहीं हो सकती। जब तक पुरुष का स्खलन स्त्री के अंदर नहीं होता तब तक गर्भावस्था नहीं हो सकती है। इसलिए सेक्स के दौरान प्रोटेक्शन का इस्तेमाल करें।
- हमेशा कंडोम का प्रयोग करें। यह अनचाहे गर्भ और यौन संचारित रोगों sexually transmitted diseases से बचाता है, यदि पूरे सेक्स के दौरान इसे पहने रखा जाए तो यौनजनित रोग होने से बहुत बचाव हो सकता है।
- कंडोम लुब्रिकेटेड lubricated condoms हों तो इसके फटने का रिस्क कम हो जाता है। अगर कंडोम सेक्स के समय फट जाए तो प्रेगनेंसी हो सकती है तब प्लान बी यानि की इमरजेंसी कॉण्ट्रासेप्टिव के प्रयोग से गर्भावस्था से बचा जा सकता है।
- सेक्सुअल सम्बन्ध बनाते समय केवल वाटर बेस्ड या सिलिकॉन बेस्ड लुब्रिकेंट लगायें। वेसलीन,तेल या जेली का प्रयोग न करें।
- पुराना,फटा हुआ, एक्सपायर्ड या दो कंडोम एक साथ कभी प्रयोग न करें। कंडोम का पैकेट काटने के लिए कैची, या दांतों का इस्तेमाल करने से बचें।
- एक बार प्रयोग किया हुआ कंडोम दुबारा नहीं इस्तेमाल किया जाता और महिला कंडोम female condom और पुरुष कंडोम एक साथ इस्तेमाल न करें।
- गर्भनिरोधक गोलियों, हार्मोनल इंजेक्शन, पैच, कॉपर टी आदि से प्रेगनेंसी से बचा सकते हैं लेकिन इन उपायों से यौन संचारित रोगों से बचाव नहीं होगा।
- ओरल सेक्स के द्वारा भी एसटीडी हो सकती है इसलिए सावधान रहें। ऐसा करना हो तो भी प्रोटेक्शन के साथ करें। हर्पिज़ herpes जैसे संक्रमण ओरल सेक्स के द्वारा भी हो जाते हैं।
- ओरल सेक्स के दौरान पेनिस पर किसी प्रकार की चोट न लगे।
- यदि सेक्स के दौरान प्रोटेक्शन का प्रयोग नहीं हुआ है तो तुरंत ही इमरजेंसी कॉण्ट्रासेप्टिव पिल जैसे की आई-पिल लें लें। पिल लेने में देरी न करें। जितना देर से लेंगी उतना ही गर्भ ठहरने का रिस्क अधिक रहेगा।
- बार-बार इमरजेंसी कॉण्ट्रासेप्टिव पिल का सेवन न करें। नियमित गर्भनिरोधक उपायों के बारे में जानकारी प्राप्त करें और जो सूट करे वे उपाय अपनाएं।
- ओरल सेक्स से पहले गुप्तांगों को अच्छे से साबुन से साफ़ करें।
- गुदा को छूकर कभी योनि न छुएं।
- गन्दी उँगलियाँ कभी भी योनि में न डालें।
- सेक्स के बाद पानी से प्राइवेट पार्ट्स धो लें।
- योनि अथवा पेनिस में यदि किसी भी प्रकार का संक्रमण हैं तो अपने पार्टनर को बताएं।
- सेक्स के दौरान प्राइवेट पार्ट्स पर किसी भी प्रकार असामान्य लक्षण हो तो सेक्स न करें।
- योनि से बदबू आती हो तो सेक्स न करें।
- गुप्तांगों पर छाले, फोड़े, मस्से, घाव, स्राव आदि हो तो सेक्स न करें। यह सब किसी प्रकार के एसटीआई के लक्षण हो सकते हैं। सेक्स के दौरान यह संक्रमण इन्फेक्टेड पार्टनर से आप तक पहुँच सकते हैं। यौन संक्रमणों के बारे में पूरी जानकारी प्राप्त करें और उनके लक्षणों को समझें।
- जब तक संक्रमण न ठीक हो सेक्स न करें।
- संक्रमण ठीक होने के करीब 1-2 सप्ताह बाद सेक्स से बचें।
- यदि एक पार्टनर को कोई सेक्स सम्बन्धी रोग हुआ है तो दूसरा भी अपनी जांच जल्द से जल्द कराए।
- बहुत सारे लोगों से शारीरिक सम्बन्ध न बनाएं। ऐसा करने से आपको सेक्सुअली ट्रांसमिटेड रोगों के होने का खतरा बढ़ जाएगा।