कोन्सटीवेक पाउडर Lupin Constivac Powder कब्ज की दवा

कोन्सटीवेक पाउडर Lupin Constivac Powder कब्ज और IBS की दवा है, जानिये इसके घटक, खुराक और साइड इफेक्ट्स क्या हैं और किस स्थिति में कोन्सटीवक पाउडर को नहीं लेना चाहिए और किन लोगों को कोन्सटीवक पाउडर नहीं इस्तेमाल करना चाहिए।

कोन्सटीवेक पाउडर फॉर ओरल सस्पेंशन, ल्यूपिन द्वारा निर्मित एक विरेचक दवाई है और कब्ज़ में ली जा सकती है। इसका कम्पोजीशन हर्बल है व इसमें इसबगोल भूसी, हरीतकी, सेना और अमलतास की फली का प्रयोग किया गया है। इसमें इसबगोल की भूसी की मात्रा सबसे अधिक है।

कब्ज यदि लम्बे समय तक रहे तो बवासीर, फिस्टुला हो जाते है। भूख नहीं लगती और बहुत गैस बनती है। पाचन की विकृति से व्यक्ति कमजोर हो जाता है। कब्ज़ को नहीं होने देना अधिक बेहतर है। आप ज्यादा फाइबर खाएं और बहुत सारे तरल पदार्थ पीयें। हल्के व्यायाम भी करें। आहार और जीवनशैली में परिवर्तन से कब्ज़ को दूर करने की कोशिश करें।

  • नाम: कोन्सटीवेक पाउडर फॉर ओरल सस्पेंशन
  • मुख्य उपयोग: कब्ज़
  • मुख्य गुण: विरचन

निर्माता:

Lupin Laboratories Ltd

कोन्सटीवेक पाउडर का जेनेरिक फार्मूला क्या है?

इसबगोल (प्लांटेगो ओवाटा) भारत में गुजरात और पंजाब में अधिक उगाया जाता है। यह पेट रोगों की अच्छी दवाई है। इसके सेवन से कब्ज़-बवासीर में लाभप्रद है। यह आँतों को चिकना करता है और मलको दूर करने में सहयोग देता है। इसबगोल आँतों के घाव को ठीक कर सकता है। इसबगोल पेट में गैस, अफारा, और अपच में भी फायदा करता है।

इसबगोल का मुख्य गुण मूत्रल और विरेचक है। आयुर्वेद में इसे शीतल, शांतिदायक, और दस्त को साफ़ करने वाला कहा गया है। यह मल को आंत से दूर करने में सहायता करता है जिससे पेट के मरोड़, दर्द, मलावरोध से आराम मिलता है। पेचिश, अतिसार तथा आंतो के घाव में भी यह उपयोगी है।

  • यह फाइबर का अच्छा स्रोत है।
  • इसका सेवन कोलेस्ट्रॉल को कम करता है।
  • यह मुख्य रूप से इसके विरेचक गुणों के कारण कब्ज़ के उपचार में प्रयोग किया जाता है।
  • यह पुराने कब्ज़ में स्टूल की फ्रीक्वेंसी और आउटपुट को नियंत्रित करता है।
  • इरीटेबल बाउल सिंड्रोम IBS में भी अच्छे परिणाम देता है।
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यदि इसबगोल कम मात्रा ली जाए तो यह मल को रोकता है और अधिक मात्रा में यह विरेचन कराता है। पेचिश, दस्त, आंव पड़ना, में यह बहुत ही लाभदायक है। दस्त में इसे दही के साथ सेवन करना चाहिए।

कब्ज़ में रोज रात को 5-10 ग्राम ईसबगोल की भूसी दूध / दही / पानी में मिलाकर खाने से फायदा होता है। यह बात ध्यान रखने योग्य है, इसे कभी भी सूखा नहीं लिया जाना चाहिए। इसे हमेशा पर्याप्त मात्रा में तरल के साथ लिया जाना चाहिए। बच्चों को यह बहुत ही कम मात्रा में देना चाहिए। ज्यादा मात्रा में देने से यह गले या आंत को चोक कर सकता है।

हरीतकी Terminalia chebula आयुर्वेद की रसायन औषधि है। यह पेट रोगों में प्रयोग की जाने वाली सबसे प्रभावी औषध है। संस्कृत में हरड़ को हरीतकी, हर्रे, हर्र, अभया, विजया, पथ्या, पूतना, अमृता, हैमवती, चेतकी, विजया, जीवंती और रोहिणी आदि नामों से जानते हैं। यूनानी में इसे हलीला कहते हैं।

आयुर्वेद के अनुसार, हरीतकी में पांचो रस मधुर, तीखा, कडुवा, कसैला, और खट्टा पाए जाते हैं। गुण में यह लघु, रुक्ष, वीर्य में उष्ण और मधुर विपाक है। हरीतकी, विषाक्त पदार्थों को शरीर से निकलती है व अधिक वात को काम करती है। यह विरेचक laxative, कषाय astringent, और रसायन tonic है। यह सूजन को दूर करती है। यह मूत्रल और दस्तावर है। यह अफारे को दूर करती है और पेट के कीड़ों को भी नष्ट करती है।

अमलतास, एक जेंटल लेक्सेटिव है। इसे आयुर्वेद में पुराने समय से विरेस्चन के लिए इस्तेमाल किया जाता है। यह मुख्य रूप से पाचन अंगों पर काम करने वाली वनस्पति है। अमलतास में Anthraquinones Fistulic acid, sennosides पाए जाते हैं जो इसे विरेचन के गुण देते हैं। इसकी फली के गूदे को दवा में प्रयोग किया जाता है। यह अपान वायु को नीचे की और ले जाता है जिससे गैस में आराम होता है। यह खून साफ़ करता है उर सूजन को कम करता है। इसे दूसरी विरेचक औषधियों के साथ मिलाकर दिया जाता है।

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सनाय का लैटिन नाम या वानस्पतिक नाम केसिया अंगस्टीफोलिया है और यह लेगुमिनेसी कुल का बहुवर्षीय पौधा है। इसे हिन्दी में सनाय, अंग्रेजी में इंडियन सेन्ना, राजस्थानी में सोनामुखी कहते हैं। सनाय का पौधा काँटे रहित व झाड़ीनुमा होता है जिसकी ऊँचाई 2 से 4 फुट तथा शाखायें टेढ़ी मेढ़ी होती हैं। शीतकाल में चमकीले पीले रंग के फूल खिलते हैं। इसकी फली हल्के रंग की होती है व पकने पर गहरे भूरे रंग की हो जाती है। बीज भी भूरे रंग के होते हैं।

यह बंजर भूमि में उगता है है तथा इसके पौधे को कोई पशु नहीं खाता। एक बार लगा दिए जाने पर कई वर्षों तक इसका औषधीय प्रयोग किया जा सकता है।

सनाय मुख्य रूप से रेचक और दस्तावर है और इसलिए इसे प्रमुखता से विबंध / कब्ज़ को दूर करने के दवाओं के निर्माण में प्रयोग किया जाता है। इसके अतिरिक्त इसे अन्य बहुत से रोगों जिए की चर्म रोगों, पीलिया, अस्थमा, मलेरिया, बुखार, अपच आदि में भी प्रयोग किया जा रहा है ।

6 साल से कम उम्र के बच्चे को सेना न दें, जब तक कि डॉक्टर द्वारा नहीं कहा जाए।

सेना सभी के लिए उपयुक्त नहीं हो सकता है। सुनिश्चित करें कि सेना आपके लिए सुरक्षित है, चिकित्सक से सेना को शुरू करने से पहले बताएं अगर आपके पास:

  • सेना से एलर्जी की प्रतिक्रिया होती थी
  • आंत्र रुकावट
  • क्रोहन रोग या अल्सरेटिव कोलाइटिस
  • पथरी है।

कोन्सटीवेक पाउडर क्यों इस्तेमाल करते हैं?

कब्ज में इसका उपयोग पेट में दर्द, फूला हुआ पेट, और स्टूल करने में दिक्कत को दूर करने के लिए दिया जाता है।

कोन्सटीवेक पाउडर को आधे से लेकर 1 टी स्पून की मात्रा में गर्म पानी के साथ सोते समय लेना चाहिए।

कब्ज क्या है?

कब्ज को विबंध और कोंसटिपेशन के नाम से जाना जाता है। कब्ज़ होने पर मल बहुत कठोर हो जाता है और कई-कई दिन तक नहीं होता। ऐसे में शौच के समय बहुत जोर लगाना पड़ता है जिससे गुदा छिल जाती है और खून तक बहने लगता है। कब्ज़ के कारण पेट में भारीपन, गैस, दबाव तथा भूख न लगना समेत अनेक समस्याएं हो जाती हैं। कब्ज़ बहुत ही आम समस्या है और हर किसी को कभी न कभी हो जाती है।

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कब्ज़ यदि लम्बे समय तक रहे तो बवासीर, फिस्टुला हो जाते है। भूख नहीं लगती और बहुत गैस बनती है। पाचन की विकृति से व्यक्ति कमजोर हो जाता है।

दवा के संभावित दुष्प्रभाव Side-effects क्या हो सकते हैं?

  • ऐंठन Abdominal cramps
  • दस्त Diarrhoea
  • चक्कर आना Dizziness
  • ढीला स्टूल Loose motions
  • भूख में कमी Loss of appetite
  • मांसपेशी में कमज़ोरी Muscle weakness
  • आंखों या होंठों में सूजन Swelling in eyes or lips
  • त्वचा पर चकत्ते skin rashes

यह साइड इफेक्ट की पूरी सूची नहीं है।

कब प्रयोग न करें Contraindications

  • एलर्जी Allergic reactions
  • गर्भावस्था pregnancy
  • अतिसंवेदनशीलता Hypersensitivity
  • आँतों में रुकावट Intestinal obstruction
  • आदि।

कोन्सटीवेक पाउडर लेने में सावधानी

  • इसके सेवन के दौरान पानी प्रयाप्त मात्रा में लेना ज़रूरी है।
  • इसे हमेशा 1 गिलास पानी या इतनी ही मात्रा के तरल के साथ लें।
  • इसे किसी भी दवा के सेवन के 1 घंटे बाद लें।
  • इसे लेट कर न लें।
  • अगर साईलियम से एलर्जी हो तो इसे न लें।
  • कुछ दवाओं का अवशोषण इसके सेवन से कम हो सकता है।
  • चिकन पर किये गए प्रयोग दिखाते हैं इसका नियमित डाइट के साथ सेवन बढ़वार को कम करता है।
  • इसे छोटे बच्चों को न दें।

गर्भावस्था में कोई दवा बिना डॉक्टर की सलाह के न लें। पानी ज्यादा मात्रा में पियें। पीने के लिए हल्का गर्म पानी लें। दवा के साथ साथ खाने-पीने पर नियंत्रण और व्यायाम आवश्यक है। कब्ज़ के कारण को जानने का प्रयत्न करें। कई बार शरीर में किसी प्रकार का रोग जैसे की डायबिटीज, के कारण भी कब्ज़ हो जाता है। अच्छे प्रभाव के लिए दवा के साथ-साथ जीवन शैली में भी परिवर्तन करें।

यह दवा आपके लक्षणों को दूर करने में मदद कर सकती है लेकिन आपकी स्थिति का इलाज नहीं करती। दवा को लेने से पहले, अपने चिकित्सक को आपके द्वारा लिए जा रहे उत्पादों (जैसे विटामिन, हर्बल सप्लीमेंट, आदि), व एलर्जी, अन्य कोई रोग, बीमारियों और वर्तमान स्वास्थ्य स्थितियों (जैसे गर्भावस्था, सर्जरी, आदि) के बारे में बताएं। चिकित्सक द्वारा निर्देशित या उत्पाद प्रविष्टि पर मुद्रित दिशा का पालन करें। खुराक आपकी स्थिति पर आधारित है। अपने चिकित्सक को बताएं यदि आपकी स्थिति वैसे ही बनी रहती है या और बुरी हो जाती है। दवा को दृष्टि और बच्चों की पहुंच से बाहर रखने के लिए महत्वपूर्ण है।

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