रूबेला Rubella – German measles in Hindi

रूबेला वायरस क्या है, जो की गर्भावस्था में बहुत ज्यादा नुक्सान पहुंचा सकता है, जानिये रूबेला उपचार और रोकने के लिए रूबेला वैक्सीन की कैसे लगवाया जाता है और इसको फैलने से कैसे रोका जा सकता है।

रूबेला संक्रामक या छूत का रोग है। यह रोग रुबैला विषाणु (Rubella virus) के कारण होता है। यह बड़ों और बच्चे किसी को भी हो सकता है।

रूबेला एक एक्यूट वायरल संक्रमण है। रूबेला अन्य लोगों में तो अधिक असर नहीं डालता लेकिन गर्भवती महिलाओं में इसके होने से गंभीर परिणाम होते है।

यदि यह गर्भवती महिला को होता है तो इससे गर्भ में बच्चे की जान चली जा सकती है जिसका समय रहते पता न चलने पर महिला की जान को भी खतरा हो सकता है अथवा बच्चा में बर्थ डिफेक्ट fetal death or congenital defects known as congenital rubella syndrome (CRS) के साथ पैदा होता है। पूरी दुनिया में करीब 1 लाख बच्चे हर वर्ष कंजेनाइटल रूबेला सिंड्रोम के साथ पैदा होते हैं।

वायरल रोग होने के कारण रूबेला का कोई विशेष उपचार नहीं है। लक्षणों के आधार पर दवाओं का निर्धारण किया जा सकता है। लेकिन इस रोग के लिए टीका उपलब्ध है जो इसके होने से बचाव कर सकता है।

रूबेला विषाणु संक्रमित व्यक्ति की छींक या खांसी से हवा में फैलते हैं। इस वायरस का मनुष्य ही एकमात्र ज्ञात होस्ट है।

रूबेला के लक्षण

संक्रमित व्यक्ति में वायरस लगभग 5-7 दिनों में पूरे शरीर में फैलता है। लक्षण आम तौर पर एक्सपोजर के 2 से 3 सप्ताह बाद दिखाई देते हैं। सबसे संक्रामक अवधि आमतौर पर दाने की उपस्थिति के 1-5 दिनों बाद की होती है।

बच्चों में, इस रोग के आम तौर पर हल्के लक्षण होते हैं। लक्षणों में शामिल हैं, दाने, कम बुखार (<39 डिग्री सेल्सियस), मतली और हल्के नेत्रश्लेष्मलाशोथ आदि।

रैश या दाने 50-80% मामलों में होते हैं। यह दाने पहले चेहरे और गर्दन पर शुरू होते हैं यकीन फिर पूरे शरीर में फ़ैल जाते हैं। यह दाने 1-3 दिनों तक रहते हैं।

इसमें कान के पीछे और गले में लिम्फ ग्रंथियां सूज जाती हैं और यह इस रोग का सबसे विशिष्ट लक्षण हैं।

  • आंखों में दर्द व संक्रमण
  • खांसी
  • गले में खराश
  • गुलाबी-लाल चकत्ते जो चेहरे से शुरू होते हैं
  • नाक बहना
  • सरदर्द
  • सर्दी-जुकाम के लक्षण
  • सामान्य असुविधा
  • सूजन और बढ़े लिम्फ नोड्स
  • हल्का बुखार
  • हल्की गुलाबी आंख (आंख के सफेद रंग की लाली या सूजन)
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संक्रमित वयस्कों, और सामान्यतः महिलाओं,में गठिया और जोड़ों में दर्द होता है जो हैं जो आमतौर पर 3-10 दिनों तक रहता है।

रूबेला से संक्रमित लगभग 25 से 50% लोगों में किसी भी प्रकार का लक्षण का नहीं होता।

गर्भावस्था में रुबेला (जर्मन मीजल्स) Pregnancy and Rubella

रूबेला एक गर्भवती महिला और उसके बच्चे के लिए बहुत गंभीर स्थिति है। यदि रूबेला का टीका नहीं लगाया जाता है, तो यह रोग होने का खतरा बहुत अधिक होता है।

पहले 12 हफ्तों (पहली तिमाही) में रूबेला विषाणु के साथ संक्रमण सबसे गंभीर क्षति का कारण बन सकता है। शुरुआती 12 सप्ताह में ही बच्चे के सभी अंगों की रचना की जा रही होती है और इसलिए इस समय यह संक्रमण बच्चे में बर्थ डिफेक्ट कर सकता है।

जब एक महिला, गर्भावस्था के शुरूआत में रूबेला विषाणु से संक्रमित हो जाती है, तो वायरस के भ्रूण में जाने की 90% संभावना होती है। इससे गर्भपात, मरे हुए बच्चे का जन्म या सीआरएस के रूप में जाना जाने वाला गंभीर जन्म दोष हो सकता है। सीआरएस वाले शिशुओं में एक साल या इससे अधिक समय तक के लिए वायरस रह सकता है।

जन्मजात रूबेला सिंड्रोम या सीआरएस Congenital rubella syndrome

जन्मजात रूबेला सिंड्रोम (सीआरएस) एक ऐसी स्थिति है जो गर्भ में विकासशील बच्चे में होती है जिनकी मां रूबेला वायरस से संक्रमित होती है।

कंजेनाइटल रूबेला सिंड्रोम में बच्चे के कानों, आँखों और हृदय पर असर हो सकता है। इसके आलावा आटिज्म, मधुमेह और थायरॉयड रोग भी देखे जाते हैं।

गर्भवती महिलाओं में रूबेला से संक्रमित होने पर गर्भपात या स्टिलबर्थ का खतरा होता है। इससे बच्चे में आजीवन रहने वाले गंभीर जन्म दोष के जोखिम भी होते हैं। सीआरएस विकासशील बच्चे के शरीर में लगभग हर अंग को प्रभावित कर सकता है।

सीआरएस Congenital Rubella Syndrome (CRS) में सबसे आम जन्म दोष हैं:

  • बहरापन Deafness
  • मोतियाबिंद Cataracts
  • हृदय दोष Heart defects
  • बौद्धिक विकलांगता Intellectual disabilities
  • लिवर और तिल्ली को नुकसान Liver and spleen damage
  • जन्म के वक़्त, शिशु के वजन मे कमी होना Low birth weight
  • त्वचा लाल चकत्ते Skin rash at birth
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सीआरएस से कम आम जटिलताओं में शामिल हो सकते हैं:

  • आंख का रोग Glaucoma
  • मस्तिष्क क्षति Brain damage
  • थायराइड और अन्य हार्मोन की समस्या Thyroid and other hormone problems
  • फेफड़ों की सूजन Inflammation of the lungs

हालांकि विशिष्ट लक्षणों का इलाज किया जा सकता है,लेकिन सीआरएस के लिए कोई इलाज नहीं है।

चूंकि इसका कोई इलाज नहीं है, इसलिए गर्भवती होने से पहले महिलाओं को टीके लगवा लेना चाहिए।

प्रेगनेंसी प्लान कर रही महिला को अपने डॉक्टर से बात करनी चाहिए ताकि उन्हें गर्भवती होने से पहले टीका लगाया जा सके।

रूबेला कैसे फैलता Transmission है?

रूबेला तब फैलता है जब एक संक्रमित व्यक्ति खाँसता या छींकता है। इसके अलावा, यह गर्भवती महिला के रूबेला से संक्रमित होने पर महिला से भ्रूण बच्चे को में जा सकता है और गंभीर नुकसान कर सकता है।

रूबेला संक्रमित व्यक्ति से शरीर में रैश होने के 7 दिन पहले से रैश होने के 7 दिन बाद तक फ़ैल सकता है। हालांकि, रूबेला से संक्रमित 25% से 50% लोगों में रैश या कोई लक्षण नहीं होते हैं।

रूबेला का ट्रीटमेंट / इलाज Treatment क्या है?

रूबेला के इलाज के लिए कोई विशिष्ट दवा नहीं है।

इसको को तेजी से दूर करने के लिए कोई दवा उपलब्ध नहीं है।

कई मामलों में, लक्षण हल्के होते हैं। हल्के लक्षणों को बिस्तर पर आराम कर और बुखार के लिए दवाइयां, जैसे कि एसिटामिनोफेन acetaminophen के द्वारा कंट्रोल किया जा सकता है।

रूबेला वैक्सीन

रूबेला वैक्सीन वायरस का एक जीवित कमजोर स्ट्रेन है तथा प्राकृतिक संक्रमण से प्रेरित है। जैसे संक्रमण होने से रोग के प्रति इम्युनिटी हो जाती है वैसे ही टीके भी काम करता है।

यह 40 से अधिक वर्षों से प्रयोग में है। इसकी एकल खुराक 95% से अधिक, लंबे समय तक चलने वाली प्रतिरक्षा प्रदान करती है।

रूबेला टीके या तो मोनोवेलेंट हैं या मिजील्स measles (MR), मिजील्स और मम्प्स measles and mumps (MMR), या मिजील्स, मम्प्स और चिकनपॉक्स measles, mumps and varicella (MMRV) के साथ मिली होती है।

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टीकाकरण के बाद प्रतिकूल प्रतिक्रियाएं आम तौर पर हल्की होती हैं। इंजेक्शन की जगह पर लाल होना, कम बुखार, दाने और मांसपेशियों में दर्द में आदि हो सकते हैं।

चूंकि एमएमआर वैक्सीन MMR vaccine में कमजोर जीवाणु वायरस है, इसलिए गर्भवती महिलाओं को यह टीका नहीं लगाया जाता है। उन्हें बच्चे के जन्म के बाद यह वैक्सीन प्राप्त करने का इंतजार करना चाहिए।

वयस्क महिला जिसे एमएमआर टीका लगाया गया है उसे कम से कम चार सप्ताह तक गर्भवती होने से बचना चाहिए।

गर्भवती महिलाओं को एमएमआर वैक्सीन नहीं लगना चाहिए।

Rubella is also known as German measles and Three-day measles. It is a viral infection and like any other viral infection it has no specific treatment or medicines. The medicines are given based on the symptoms.

Rubella symptoms include rash that starts on the face and spreads to the body, fever, aching joints, especially in young women and swollen glands.

Rubella is most dangerous for a pregnant woman’s baby. It can cause miscarriage or birth defects.

The transmission of disease is through coughing or sneezing of infected person. People without symptoms can still spread it.

There is no treatment, but the measles-mumps-rubella (MMR) vaccine can prevent it.

6 Comments

  1. Maim meri wife2month k pregnant hai bt jb varansi m cheap hua to rubella IgG 51ul/ml positive hai to kya meri baby abnormal hoga plz help m rply m plzzzzz???

  2. Mam mujhe rubella infection h or m Abhi pregnant hu kya mere bacche par iska asar hoga? ? plz reply kariye meri help kariye ye Mera 3rd baby h 2 bar miscarriage Ho chuka h pls help me

  3. mem hme 1 sal phele rubela hua hai to kya hamse kisi or ko bhi fel sakta hai ab bhi plz reaply

  4. kya rubela hone ke 1 sal ke badh bhi jise rubela hua hai usse kisi or ko ho sakta hai

    • शालिनी

      रूबेला संक्रमित व्यक्ति से शरीर में रैश (दाने) होने के 7 दिन पहले से रैश (दानें) होने के 7 दिन बाद तक फ़ैल सकता है। हालांकि, रूबेला से संक्रमित 25% से 50% लोगों में रैश या कोई लक्षण नहीं होते हैं।

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