गर्भ निरोधक गोलियां या ओरल कॉन्ट्रासेप्टिव पिल्स अनियोजित गर्भावस्था को रोकने के लिए एक हार्मोनल तरीका है। यह गोलियां महिलाओं के द्वारा ली जाती हैं।
ओरल गर्भनिरोधक में एस्ट्रोजेन और प्रोजेस्टिन संयोजन या केवल प्रोजेस्टिन हार्मोन होता है। एस्ट्रोजेन और प्रॉजेस्टन के संयोजन मस्तिष्क में पिट्यूटरी ग्रंथि से हार्मोन लूटाईिंग हार्मोन (एलएच) और फोलिकल स्टिमुलेटिंग हार्मोन (एफएसएच) के हार्मोन को रोकते हुए गर्भावस्था को रोकते हैं।
एलएच और एफएसएच अंडाणु के विकास में प्रमुख भूमिकाएं निभाते है और भ्रूण के आरोपण के लिए गर्भाशय की परत की तैयारी करते है। प्रोजेस्टिन गर्भाशय के म्यूकस को भी बनाता है जो शुक्राणुओं को घुसने में अंडाणु को निषेचित करना अधिक कठिन बना देता है। यह गोलियां शरीर में हॉर्मोन को प्रभावित कर गर्भ ठहरने से रोकते हैं।
गर्भनिरोधक गोलियों को लेने से पहले डॉक्टर की राय लेनी चाहिए जिससे उचित प्रकार की दवा को लिया जा सके और संभावित साइड इफेक्ट्स कम किए जा सकें।
अधिकांश गर्भनिरोधक गोलियां 21 दिन या 28 दिन की इकाइयों के रूप में पैक की जाती हैं। 21 दिन के पैकेज के लिए, गोलियों को 21 दिनों के लिए दैनिक रूप से लिया जाता है। इसके बाद सात दिन की अवधि के दौरान कोई गर्भनिरोधक गोलियां नहीं ली जाती हैं। फिर चक्र दोहराया जाता है। 28 दिन की इकाइयों के लिए, दवाओं युक्त गोलियां 21 लगातार दिनों के लिए ली जाती हैं, इसके बाद सात दिन की अवधि के दौरान प्लेसबो टैबलेट्स (कोई दवा नहीं) ली जाती है।
ओरल गर्भनिरोधक गोलियों के सबसे सामान्य साइड इफेक्ट्स में मतली, सिरदर्द, स्तन में दर्द, वजन बढ़ना, अनियमित ब्लीडिंग, और मनोदशा में बदलाव आदि हैं। कुछ दुष्प्रभाव अक्सर कुछ महीनों के उपयोग के बाद कम होते हैं। मासिक धर्म कम हो सकता है या मासिक के बीच में ब्लीडिंग हो सकती है, लेकिन यह असर अक्सर अस्थायी होते हैं, और गंभीर नहीं माने जाते है। कुछ महिलाओं में जो शरीर में बदलने वाले हॉर्मोन लेवल के कारण हर महीने माइग्रेन से पीड़ित होती हैं, को गर्भनिरोधक गोलियों ले लेने से लाभ हो सकता हैं। दूसरी ओर, कुछ महिलाओं,में मौखिक गर्भनिरोधक उपयोग के दौरान अधिक माइग्रेन हो सकता है। असामान्य रूप से, मौखिक गर्भ निरोधकों से रक्तचाप, रक्त के थक्के, दिल का दौरा और स्ट्रोक में वृद्धि हो सकती है।
सभी का शरीर अलग होता है और एक दवा के प्रति अलग तरह से रियेक्ट कर सकता है। कुछ महिलाओं में गोली के सेवन से जहां सेक्स के प्रति इच्छा में वृद्धि होती है वहीँ बहुत सी महिलाओं में गोली कामेच्छा को नष्ट कर सकती है।
गर्भनिरोधक गोली के सामान्य यौन दुष्प्रभाव
ओरल गर्भनिरोधक, या जन्म नियंत्रण की गोलियां, प्रत्येक औरत को अलग तरह से प्रभावित करते हैं। बहुत सी महिलाओं में गर्भनिरोधक गोलियां सेक्स की इच्छा को प्रभावित नहीं करती हैं। लेकिन ऐसा सभी के साथ नहीं है। कुछ औरतों में सेक्स की इच्छा कम भी हो जाती है। महिला की सेक्स ड्राइव को प्रभावित करने के बहुत से कारक हो सकते हैं हैं, जिसमें स्वास्थ्य, आयु, उसके रिश्ते के बारे में भावनाएं, तनाव, अवसाद आदि प्रमुख हैं। हार्मोनल पिल्स पूरे शरीर पर असर कई तरह से असर करती हैं, इसलिए यह कामेच्छा हो भी प्रभावित कर सकती हैं ।
गर्भनिरोधक गोलियों के कभी-कभी यौन दुष्प्रभाव भी होते हैं। अधिक सामान्य में से कुछ में शामिल हैं:
- कम यौन इच्छा Loss of libido
- उत्तेजित हो पाने में समस्या lack of interest
- योनि सूखापन Less vaginal lubrication
- ओर्गास्म नहीं हो पाना lack of orgasm
- वल्वा में दर्द Vulvar pain
- योनी के लिप का पतला होना Thinning of the inner vaginal lips and vaginal entrance
- मूड खराब रहना Mood changes
गर्भनिरोधक गोली में महिला हार्मोन एस्ट्रोजेन और प्रोजेस्टेरोन की मात्रा अलग-अलग होती है। गर्भनिरोधक गोलियों में हार्मोन की प्रतिक्रिया आपके शरीर में रसायन विज्ञान और गोलियों में हार्मोन का मिश्रण पर निर्भर करती है। यदि आप गोली लेना शुरू करती हैं और कामेच्छा में परिवर्तन महसूस करती हैं, तो गोली इसका कारण हो सकती है। यह यौन प्रभावों की एक विस्तृत श्रृंखला से हो सकता है।
योनि का सूखापन, वल्वा दर्द, स्तनों में दर्द, ब्लीडिंग की समस्या, मूड में बदाव आदि निश्चित रूप से कामेच्छा को कम कर सकते हैं और यौन क्रिया को कम कर सकते हैं। इसलिए यदि आप को गोली लेने के बाद सेक्स करने का मन नहीं करे तो या तो ग्लोई लेना बंद करके देखें या डॉक्टर की सलाह लें जो आपको किसी दूसरे गर्भनिरोधक के बारे में सलाह दे सकते हैं।