ग्लूकोमीटर (Glucometer) ग्लूकोज मॉनिटरिंग डिवाइस

ग्लूकोमीटर (Glucometer) के बारे में जैसे कि यह कैसे काम करता है, ग्लूकोमीटर का रिजल्ट कितना सही होता है और इसको कैसे इस्तेमाल करना चाहिए? जानिये ग्लूकोमीटर कैसे खरीदना चाहिए और खरीदते समय किन किन बातों का ध्यान रखना चाहिए।

ग्लूकोमीटर (Glucometer) क्या है। ग्लूकोमीटर या ग्लूकोज मॉनिटरिंग डिवाइस वह उपकरण है जिसका उपयोग करके आप घर पर रक्त में ग्लूकोज के लेवल को पता लगाने के लिए कर सकते है। इसे एसएमबीजी SMBG (सेल्फ मॉनिटरिंग ऑफ ब्लड ग्लूकोज) भी कहते हैं। ग्लूकोमीटर आपके रक्त में शर्करा (ग्लूकोज) की मात्रा को नापता है।

यह एक मात्रात्मक परीक्षण है, जिसका अर्थ है कि आप अपने रक्त के नमूने में मौजूद ग्लूकोज की मात्रा का पता लगा सकते हैं।

ग्लूकोज या चीनी को शरीर ऊर्जा स्रोत के रूप में उपयोग करता है। शरीर अपने आप रक्त में ग्लूकोज की मात्रा को नियंत्रित करता है लेकिन डायबिटीज हो जाने पर ऐसा संभव नहीं हो पाता। परिणामतः अधिक मात्रा में शुगर रक्त में रहती है जो शरीर के हर अंग को नुकसान पहुंचाती है। यह बहुत ज़रूरी है कि रक्त मे शुगर के स्तर को नियंत्रित किया जाए। ऐसा विशेष आहार, व्यायाम और दवाएं के द्वारा किया जा सकता है।

ग्लूकोमीटर के मदद से खून में शुगर का लेवल कितना है, यह पता लगा सकते हैं। इसके लिए लैब आदि जाने की ज़रूरत नहीं होती। इसके लिए सुई जैसी दी गई नुकीली वस्तु से ऊँगली प्रिक करते हैं और रक्त की बूँद स्ट्रिप पर डाल कर ग्लूकोमीटर में रखते हैं।

ग्लूकोमीटर में लगने वाली एक स्ट्रिप का दाम करीब 20 रुपए या इससे ज्यादा हो सकता है जो की ब्रांड, मशीन का प्रकार आदि पर निर्भर है। मशीन का दाम तो एक देना होता है लेकिन एक स्ट्रिप केवल एक बार ही प्रयोग की जाती है। स्ट्रिप डिस्पोजेबल होती हैं।

ग्लूकोमीटर (Glucometer) के क्या फायदे हो सकते हैं?

ग्लूकोमीटर के द्वारा आप अपने रक्त शर्करा (ग्लूकोज) स्तर को घर पर ही परीक्षण कर जाना सकते हैं।

आप को यह पता लग सकता है कि आप किस प्रकार की डाइट या दैनिक रूटीन में एडजस्टमेंट से शुगर लेवल कण्ट्रोल कर सकते हैं।

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आप ग्लूकोज को खतरनाक रूप से ज्यादा या कम स्तर का होने से पता कर सकते हैं।

यह आपको समझने में मदद कर सकता है कि आपका आहार और व्यायाम आपके ग्लूकोज के स्तर को कैसे बदलता है।

घरेलू मॉनिटर का उपयोग करने से अच्छा ग्लूकोज नियंत्रण संभव है जिससे डायबिटीज सम्बंधित जटिलतायें कम हो सकती हैं।

इसकी सहायता से आप नियमित अंतराल में खून की जांच घर पर ही कर सकते हैं।

आपको अपने ग्लूकोज की कितनी बार जांच करनी चाहिए?

आपको ग्लूकोज की एक दिन में कितनी बार जांच करनी है यह आपकी शुगर पर निर्भर है। यदि शुगर कण्ट्रोल में है तो कुछ दिनों के गैप पर जैसे 1-2 सप्ताह के गैप पर शुगर जांच सकते हैं। यदि शुगर कण्ट्रोल में नहीं है तो आपको दिन में कई बार भी इसे प्रयोग करना पड़ सकता है।

आपको आहार या उपचार में समायोजन का निर्धारण करने के लिए भी हर दिन कई बार परीक्षण करना पड़ सकता है।

आपके ग्लूकोज का स्तर क्या होना चाहिए?

मधुमेह 2011 में चिकित्सा देखभाल के मानक के अनुसार जिसे डायबिटीज नहीं है ऐसे वयस्क में रक्त शर्करा का स्तर भोजन से पहले 100 मिलीग्राम / डीएल से कम और खाना खाने के 2 घन्टे बाद 140 मिलीग्राम / डीएल से कम होना चाहिए।

मधुमेह वाले लोग अपने चिकित्सक या स्वास्थ्य देखभाल प्रदाता से उचित रक्त ग्लूकोज लक्ष्य निर्धारित करने के लिए सलाह लेना चाहिए। आपके स्वास्थ्य देखभाल प्रदाता द्वारा सुझाए गए अनुसार आपको निम्न या उच्च रक्त शर्करा का इलाज करना चाहिए।

ग्लूकोमीटर कितना सही accurate रिजल्ट दे सकता है?

ग्लूकोमीटर के रिजल्ट कई कारकों पर निर्भर करती है जिनमें निम्न शामिल हैं:

ऊंचाई altitude, तापमान और आर्द्रता (उच्च ऊंचाई, कम और उच्च तापमान, और नमी ग्लूकोज परिणामों पर अप्रत्याशित प्रभाव पैदा कर सकते हैं)। अधिक जानकारी के लिए मशीन का मैन्युअल पढ़ें।

कितनी अच्छी तरह परीक्षण किया गया, जैसे टेस्ट से पहले अपने हाथों को धोना और सुखाना और अपने मीटर के संचालन के लिए निर्देशों का पालन करना चाहिए।

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निर्माता के निर्देशों के अनुसार मीटर और स्ट्रिप्स को स्टोर करें और संभालें। यह टेस्ट स्ट्रिप्स का सही से रखाव महत्वपूर्ण है।

  • परीक्षण स्ट्रिप्स की गुणवत्ता कैसी है।
  • मीटर की गुणवत्ता कैसी है।

हस्तक्षेप करने वाले पदार्थ (कुछ पदार्थ, जैसे विटामिन सी, टाइलेनॉल, और यूरिक एसिड, आपके ग्लूकोज परीक्षण में हस्तक्षेप कर सकते हैं) परीक्षण के सटीकता को प्रभावित करने वाले पदार्थों का पता लगाने के लिए अपने मीटर और परीक्षण स्ट्रिप्स के निर्देशों की जांच करें।

हेमटोक्रिट (रक्त में लाल रक्त कोशिकाओं की मात्रा) लेवल क्या है। गंभीर रूप से शरीर में पानी की कमी या एनीमिक होने पर टेस्ट रिजल्ट सटीक नहीं होते।

शरीर में प्लाज्मा में ग्लूकोज का स्तर, पूरे खून में ग्लूकोज के स्तर की तुलना में 10-15% अधिक होता है। ग्लूकोमीटर पूरे रक्त में ग्लूकोज के स्तर को नापते हैं, जबकि लैब में किये जाने वाले टेस्ट प्लाज्मा में ग्लूकोज के स्तर को नापते हैं।

यह परीक्षा कैसे करते हैं?

  • अपने रक्त शर्करा का परीक्षण करने से पहले, आपको अपने मीटर के निर्देशों को पढ़ना और समझना होगा।
  • सामान्य तौर पर, आप खून की एक बूंद पाने के लिए अपनी उंगली को लेंसट से प्रिक करते हैं।
  • फिर यह रक्त की बूँद एक डिस्पोजेबल “टेस्ट स्ट्रिप” पर डाली जाती ही जो मीटर में डाली जाएगी।

टेस्ट स्ट्रिप में रसायन होते हैं जो ग्लूकोज से प्रतिक्रिया करते हैं। कुछ ग्लूकोमीटर टेस्ट स्ट्रिप से गुजरने वाली बिजली की मात्रा को मापते हैं तो कुछ रेफ्लेक्टेड लाइट को नाप कर शुगर का स्तर दिखाते है। टेस्ट रिजल्ट, ग्लूकोज मिलीग्राम प्रति डेसीलीटर रक्त में है, एमजी / डीएल milligrams of glucose per deciliter of blood, or mg/dl की यूनिट में रिजल्ट देते हैं।

आप ग्लूकोज मीटर (Glucometer) कैसे चुनते हैं?

मार्किट में अलग-अलग प्रकार के मीटर उपलब्ध हैं, जो एक दूसरे से भिन्न होते हैं, जिनमें शामिल हैं:

  • इसका उपयोग करना कितना आसान है how easy it is to use
  • उत्पाद का उपयोग करने के साथ जुड़े दर्द pain associated with using the product
  • कंप्यूटर को डेटा संचारित करने की क्षमता ability to transmit data to a computer
  • कुल आकार overall size
  • डॉक्टर की सिफारिश doctor’s recommendation
  • निर्माता द्वारा प्रदान की तकनीकी सहायता technical support provided by the manufacturer
  • परीक्षण गति testing speed
  • प्रत्येक परीक्षण के लिए आवश्यक रक्त की मात्रा amount of blood needed for each test
  • प्रयोग की जाने वाली टेस्ट स्ट्रिप्स की लागत cost of the test strips used
  • मीटर की लागत cost of the meter
  • मेमोरी में परीक्षण के परिणामों को स्टोर करने की क्षमता ability to store test results in memory
  • शुद्धता accuracy
  • हस्तक्षेप की संभावना likelihood of interferences
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डॉक्टर से अपने लिए सही ग्लूकोज मीटर के बारे में पता करें, और इसका उपयोग कैसे करें, यह भी जानें।

भारत में उपलब्ध Glucometer ब्रांड्स

  1. Accu-Chek blood glucose meter
  2. Bayer glucometer
  3. Dr Morepen
  4. Johnson & Johnson
  5. Omron
  6. OneTouch Glucometer

यदि आपका मीटर खराब हो तो आपको क्या करना चाहिए?

यदि मीटर खराब हो, तो आपको कंपनी से संपर्क करना चाहिए जिसने मीटर और स्ट्रिप्स बनाया है।

क्या उंगलियों के अलावा अन्य साइट्स से रक्त ग्लूकोज का परीक्षण कर सकते हैं?

कुछ मीटर आपको उंगलियों के अलावा अन्य साइटों से खून का परीक्षण करने की अनुमति देते हैं ऐसे वैकल्पिक नमूना साइटों के उदाहरण हैं आपकी हथेली, ऊपरी बांह, प्रकोष्ठ, जांघ, आदि।

वैकल्पिक साइट परीक्षण (एएसटी) Alternative site testing (AST) उस समय नहीं किया जाना चाहिए जब आपके रक्त ग्लूकोज तेजी से बदल सकता है, क्योंकि ये उस समय गलत परिणाम प्रदान कर सकती हैं। यदि निम्न में से कोई भी स्थिति है तो आपको केवल अपनी उंगलियों से रक्त का उपयोग करने के लिए परीक्षण करना चाहिए:

  • अभी इंसुलिन लिया है।
  • ऐसा लग रहा है कि रक्त शर्करा कम है।
  • परिणाम आपको जिस तरह से महसूस करते हैं, उससे सहमत नहीं हैं।
  • आपने अभी खाया है।
  • आपने अभी व्यायाम किया है।
  • आप बीमार हैं।
  • आप तनाव में हैं।

इसके अलावा, आपको लगातार ग्लूकोज मॉनिटर (सीजीएम) continuous glucose monitor (CGM), या इंसुलिन मात्रा में गणना करने के लिए एक वैकल्पिक नमूना साइट से परिणाम का उपयोग नहीं करना चाहिए।

ग्लूकोमीटर कभी-कभी सही रिजल्ट्स नहीं भी देता। ऐसा देखा गया है कि कुछ केसेस में यह 30 प्रतिशत तक शुगर लेवल कम दिखाता है, या इतना ही ज्यादा। कुछ केसों में यह सही परिणाम भी देता है। इसलिए, लैब से भी टेस्ट कराते रहें। अगर आपको कभी भी लगता है, रिजल्ट सही नहीं हैं तो लैब से टेस्ट करा कर सही रिजल्ट जानें।

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Glucometer is blood glucose level measuring device. It is easy to use and helps to monitor blood glucose level frequently. In India, it is available from many pharmaceutical companies such as Bayer, ACCU-CHECK, Johnson & Johnson One Touch, Dr Morepen Glucometer, Abbott Freestyle Fredom Lite Glucometer, Omron etc. The price of device depends on many factors including brand, features etc.

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